JAMSHEDPUR: मिजिल्स-रुबेला रोग को जिले से 2020 तक जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया गया। मौका था बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में आयोजित मिजिल्स-रुबेला वैक्सीन लांचिंग कार्यक्रम का। मुख्य अतिथि डीसी अमित कुमार ने वैक्सीन को लांच करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का नेतृत्व युवा करेंगे। कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में जुटे छात्र-छात्राओं से उन्होंने अपील की कि वे इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सोशल मिडिया का जमकर इस्तेमाल करें। साथ ही हर युवा एक-एक युवा को जोड़ें। उनके प्रयास से ही यह अभियान सफल होगा। फेसबुक पर मिजिल्स-रुबेला का वैक्सीन लेते हुए फोटो शेयर करें। सेल्फी लें। इससे अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार होगा और समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक जोर देने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि मिजिल्स होने पर अब भी लोग पूजा-पाठ और ओझा-गुणी के पास जाते हैं जो मरीजों के लिए घातक बन जाता है। लोगों को जागरूक होने की जरूरत है कि यह वैक्सीन लेने से बीमारी होने का खतरा कम हो जाएगा। वहीं जिला परिषद अध्यक्ष बुलू रानी सिंह ने भी जागरुकता पर बल दिया। उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा कि ग्रामीणों में जागरूकता बढ़ी है और करने की जरूरत है। सभी का सहयोग और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। इस अवसर पर एनईपी की निदेशक रंजना मिश्रा, जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ। एके लाल, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी लक्ष्मी भारती, डीपीएम निर्मल दास, अर्चना तिग्गा सहित टीएमएच, टाटा मोटर्स, मर्सी, मेडिका, टिनप्लेट सहित अन्य हॉस्पिटल से भी लोग शामिल हुए।

7.73 लाख बच्चों को वैक्सीन देने का लक्ष्य

सिविल सर्जन डॉ। महेश्वर प्रसाद ने कहा कि अगले पांच सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान में कुल 7,73,686 बच्चों को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा गया है। अगले दो सप्ताह तक स्वास्थ्य केंद्रों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को टीका दिया जाएगा। अंतिम सप्ताह में छूटे हुए बच्चों को घर-घर जाकर टीका लगाया जाएगा। यह टीका नौ माह से लेकर 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को निश्शुल्क दिया जाएगा।

वैक्सीन से बचाव संभव

आरसीएच पदाधिकारी डॉ। साहिर पॉल ने कहा कि मिजिल्स एक जानलेवा बीमारी है, जोकि वायरस द्वारा फैलता है। बच्चों में मिजिल्स के कारण विकलांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है। वहीं रुबेला एक संक्रमक रोग है जो वायरस द्वारा फैलता है। इसके लक्षण मिजिल्स रोग जैसे होते हैं। यह लड़के या लड़की दोनों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रूबेला सिंड्रोम हो सकता है जोकि उसके भ्रूण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।

Posted By: Inextlive