भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भाषण देने की अद्भुत कला के कारण वो हीन भावना से ग्रस्त रहा करते थे.

आडवाणी का कहना था कि लोकसभा में बीजेपी नेता सुषमा स्वराज के भाषण सुनकर भी उन्हें ऐसा ही लगता है। आडवाणी ने कहा, ‘‘ मैंने वाजपेयी जी से कहा था कि 1970 के दशक में मैं हीन भावना से ग्रस्त हो गया था क्योंकि वो (वाजपेयी) बहुत अच्छा भाषण देते थे। सुषमा स्वराज भाषण देती है तो भी मुझे ही लगता है। मैं सच कह रहा हूं.’’

आडवाणी ने साफ कहा कि साठ के दशक तक वो सार्वजनकि रुप से भाषण देने में शर्माते थे और बड़ी भीड़ को संबोधित करने से कतराते रहते थे।

1968 में वाजपेयी जनसंघ के अध्यक्ष बने जिसके कुछ वर्षों बाद वो यह पद आडवाणी को देना चाहते थे। जनसंघ ही आपातकाल के बाद भारतीय जनता पार्टी हो गया था।

आडवाणी का कहना था, ‘‘ मैं अध्यक्ष नहीं बनना चाहता था क्योंकि मैं सार्वजनिक भाषण देना नहीं चाहता था.मैंने सुझाव दिया कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया को अध्यक्ष बना दिया जाए.’’

हालांकि बाद में विजयाराजे सिंधिया ने पद लेने से इंकार कर दिया और कुछ अन्य नेता भी पद संभाल नहीं पाए तो आखिरकार आडवाणी को ही अध्यक्ष बनना पडा। आडवाणी का कहना था कि वो धीरे धीरे भाषण देने की कला सीख पाए।

उनका कहना था, ‘‘ मैं तो अटल जी से बहुत प्रभावित था। मुझे लगता था कि अगर राजनेता इतना अच्छा बोल रहे हैं तो मैं तो कभी नेता ही नहीं बन सकूंगा.’’

आडवाणी के बाद सुषमा स्वराज ने लोगों को संबोधित किया और कहा कि आडवाणी उनके लिए पिता तुल्य हैं। उन्होंने कहा कि आडवाणी जी से इतना आदर मिलना उनके लिए बड़ी बात है।

Posted By: Inextlive