माता का सजा दरबार, आठ दिन होगी जय-जयकार
इस बार वासंतिक नवरात्र का शुभारंभ रविवार से
आठ दिनों तक होगा मां भगवती के नौ स्वरूपों का पूजन-अर्चन ALLAHABAD: जगत जननी मां भगवती की अराधना का सबसे बड़ा पर्व चैत्र नवरात्रि रविवार से शुरू होगा। इस नवरात्र में भी लगातार पांचवें वर्ष एक तिथि की हानि हो रही है। इस बार नवमी तिथि का क्षय होने की वजह से आठ दिनों तक देवी मंदिरों में माता रानी के नौ विभिन्न स्वरूपों का पूजन-अर्चन किया जाएगा। पहले दिन सर्वार्थ सिद्ध योग बनने से माता रानी की भक्तों पर विशेष कृपा होगी। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि चैत्र नवरात्र का शुभारंभ सर्वार्थ सिद्ध योग में होना ही भक्तों के लिए अनंत फलदायक साबित होगा। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्तनवरात्रि के पहले दिन देवी मंदिरों से लेकर घरों कलश स्थापना होगी। आदि शक्ति उपासना केन्द्र के निदेशक पं। विनय कृष्ण तिवारी ने बताया कि शनिवार को शाम 6.05 बजे प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। इसका मान रविवार को शाम 6.08 बजे तक रहेगा। इसलिए कलश स्थापना 18 मार्च को सूर्योदय से लेकर शाम 6.06 बजे तक की जा सकती है। उन्होंने बताया कि अभिजीत मुहूर्त सुबह नौ बजे से लेकर दोपहर 12 बजे तक रहेगा। इसमें कलश स्थापित करना अति उत्तम होगा।
देवी धाम में आकर्षक सजावट
चैत्र नवरात्रि से एक दिन पहले देवी धामों में रोशनी की आकर्षक सजावट की गई। शहर के सबसे प्रमुख शक्तिपीठों में से एक मीरापुर स्थित मां कल्याणी देवी मंदिर व मां ललिता देवी मंदिर में मंदिर समिति की ओर से रंगबिरंगे फूलों व बिजली के झालरों से सजावट की गई है। अलोपीबाग स्थित मां अलोपशंकरी मंदिर में भी रंगबिरंगी झालरों की सजावट की गई है। लोक नाथ चौक स्थित मां खेमा माई के दरबार को बहुरंगी फूलों से सजाया गया है।