वास्तु टिप्स: अपनाएंगे ये 8 उपाय तो पिता से मधुर रहेंगे संबंध, मिलेगी सकारात्मक ऊर्जा
वास्तु के जरिए आप अपनी तमाम समस्याओं को दूर कर सकते हैं, फिर चाहे वह आपकी जिंदगी से जुड़ी हों या आपके प्रोफेशन से यहां तक कि वास्तु के जरिए आप अपने रिश्तों को सुधार सकते हैं। यहां कुछ ऐसे ही टिप्स दिए जा रहे हैं, जिन्हें आजमाकर आप इन तमाम समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं।
ईशान कोण खंडित होने से पिता-पुत्र आपसी मामलों को लेकर सदैव लड़ते-झगड़ते रहते हैं इसलिए इसमें सुधार लाएं। आवासीय भवन में वास्तु दोष हो तो पारिवारिक व व्यक्तिगत रिश्तों में मतभेद और तनाव उत्पन्न हो जाते हैं। वास्तु के माध्यम से पिता पुत्र के संबंधों को अति मधुर बनाया जा सकता है...1. भवन का भाग ईशान (उत्तर-पूर्व) में उठा होना अशुभ है। अगर यह उठा है, तो पुत्र संबंधों में मधुरता व नजदीकी का अभाव रहेगा।उत्तर-पूर्व में रसोई घर या शौचालय होता है खराबईशान में न रखें इलेक्ट्रॉनिक आइटम
4. इलेक्ट्रॉनिक आइटम या ज्वलनशील पदार्थ तथा गर्मी उत्पन्न करने वाले अन्य उपकरणों को ईशान में रखने से पुत्र, पिता की बातों की अवज्ञा करता रहता है।5. ईशान में कूड़ादान बनाने या कूड़ा रखने से भी पुत्र, पिता के प्रति दूषित भावना रखता है।6. यदि कोई भूखंड उत्तर व दक्षिण में संकरा तथा पूर्व व पश्चिम में लंबा है तो ऐसे भवन को सूर्यभेदी कहते हैं। यहां भी पिता-पुत्र के संबंधों में अनबन की स्थिति सदैव रहती है।