शिक्षा के क्षेत्र में बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर ही तनाव में आ जाते हैं ऐसा इसलिए भी है कि जब घर का वास्तु सही नहीं होगा तब उसका असर बच्चों की पढ़ाई और उनके स्वभाव में भी दिखने लगेगा।

नमस्कार मित्रों, आज के समय में बच्चों और उनकी पढ़ाई को लेकर हर व्यक्ति गंभीरता से सोचता है। ऐसे में घर की वास्तु वाइब्स के बारे में भी ध्यान दिया जाना चाहिए यानी बच्चे घर में जहां पढ़ते हैं, वह स्थान सही है या नहीं आदि इन सबका भी हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है।

शिक्षा के क्षेत्र में बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर ही तनाव में आ जाते हैं, ऐसा इसलिए भी है कि जब घर का वास्तु सही नहीं होगा, तब उसका असर बच्चों की पढ़ाई और उनके स्वभाव में भी दिखने लगेगा। सभी बच्चों के माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़—लिखकर आगे बढ़े। अगर आप अपने घर में कुछ वास्तु उपाय करेंगे तो बच्चे की तरक्की में ये सहायक होंगे।  

1. घर में दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम का दिशा क्षेत्र यदि साफ-सुथरा व संतुलित है, तो ऐसी जगह बच्चे का मन पढ़ाई में लगता है और उसे, उसके किए हुए परिश्रम का पूरा लाभ मिलता है। उसकी पढ़ाई में जहां याद करने वाला हिस्सा आता है, वह भी प्रगाढ़ होता जाता है।

2. इसी तरह घर की उत्तर-पूर्व दिशा भी अपना पूरा प्रभाव दिखाती है। पहले के समय में बड़े बुजुर्ग भी जब-जब नया घर बनवाते थे तो घर का उत्तर और उत्तर-पूर्व कोना खुला-खुला, बनवाने के साथ यह भी ध्यान रखते थे कि यहां पूरी तरह धूप, हवा बनी रहे। यहां इस कोने में किसी तरह का अंधेरा न हो। शाम होने के साथ-साथ घर के बड़े-बुजुर्ग घर में इस कोने में पूरी तरह रोशनी जरूर कर देते थे। आज भी वह इस बात का ध्यान रखते हैं। यदि इस बात का ध्यान रखा जाए, तो ऐसे घर में रहने वालों को फायदा ही होगा।

3. घर में बच्चों का कमरा उत्तर-पूर्व में हो तो अच्छा है। यहां खिड़कियां भी होनी चाहिए। पढ़ते समय विद्यार्थियों का मुख भी इसी दिशा में हो, तो अच्छा है।

4. इनके कमरे में हल्के रंगों का चयन लाभदायक होता है। कमरे में पोस्टर ऐसे लगे हों, जिसमें ज्ञानवर्धक सूक्तियां लिखी हों।

5. सुबह के समय और गोधूलि बेला के समय भक्ति संगीत जरूर चले। अच्छी पढ़ाई के लिए यह ध्यान दिया जाए कि बच्चा बेड पर पढ़ने न बैठे। उसके लिए अलग से उसकी टेबल और कुर्सी हो, तो अच्छा है।

6. उसकी पढ़ाई वाली टेबल पर उसके दाईं ओर एमथीस्ट की रॉक रखें। पढ़ते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके पढ़ें।

7. यह भी ध्यान रहे कि उनके कमरे में, उन्हीं से संबंधित वस्तुएं हों। बच्चे की उसके स्कूल यूनिफॉर्म में फोटो पश्चिम दिशा में लगाएं। वह जीवन में आगे बढ़े और पढ़ाई में पूरा ध्यान दे, इसके लिए बच्चों का रुझान थोड़ा ध्यान-साधना की तरफ भी लगवाएं। इससे उनमें एकाग्रता और समरण शक्ति बढ़ेगी।

इस दिशा में पूजा-अर्चना से मिलेगी सुख-शांति, बच्चे भी करेंगे एकाग्रता से पढ़ाई

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Posted By: Kartikeya Tiwari