अच्छे जीवन के लिए अच्छा स्वास्थ्य जरूरी है और अच्छे स्वास्थ्य के लिए खेलना-कूदना व व्यायाम करना जरूरी है। दरअसल हम बात कर रहे हैं खेल के मैदान की।

अच्छे जीवन के लिए अच्छा स्वास्थ्य जरूरी है और अच्छे स्वास्थ्य के लिए खेलना-कूदना व व्यायाम करना जरूरी है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं, खेल के मैदान की। फिर चाहे वह स्कूल-कॉलेज का हो या किसी अन्य स्थान पर बना हो। यदि खेल के मैदान वास्तु अनुरूप बनेंगे, तो वहां खेलने वाले लोगों का स्वास्थ्य अच्छा होगा और खेलों के प्रति उनकी भावना भी अच्छी बनेगी। जब विद्यार्थियों या वहां खेलने वालों का तन और मन स्वस्थ होगा, तो सफलता का प्रतिशत भी जीवन में बढ़ेगा।

स्कूल में ऐसा हो खेल का मैदान

यदि हम बात करें स्कूल की, तो वहां खेल का मैदान स्कूल की पूर्व या पश्चिम दिशा में होना चाहिए। स्टेडियम के लिए भी ऐसा स्थान हो जहां उत्तर-पूर्व में गहरे गड्ढे, तालाब, नदी या मंदिर बना हो और दक्षिण दिशा की तरफ ऊंचे-ऊंचे टीले व पहाड़ियां हों। ऐसे स्थान पर बने स्टेडियम की प्रसिद्धी चारों तरफ फैलती है और खिलाड़ियों को उनके पसंदीदा खेल में सफलता भी मिलती है।

क्रिकेट पिच या बास्केट कोर्ट हो इस दिशा में


जिस जमीन या स्थान का स्टेडियम के लिए चयन किया गया हो, वहां की मिट्टी वास्तु अनुकूल हो और उस जमीन का आकार वर्गाकार या चौकोर हो, तो अच्छा है। यहां क्रिकेट की पिच पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ बनाएं। बास्केट बॉल खेलने का स्थान दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ बनाएं। यदि स्वीमिंग पूल भी है, तो उसे वहां के उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ स्थान दें। यह भी ध्यान दें कि उत्तर-पूर्व दिशा खुली-खुली हो। यहां पर एक तरफ मंदिर का होना भी यहां की शुभता को बढ़ाएगा। यहां की साफ-सफाई पर भी पूरा ध्यान होना चाहिए।

इन बातों को भी जानना है जरूरी


स्टेडियम में पानी की व्यवस्था उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ हो। यहां बिजली के उपकरण, बिजली के मीटर की व्यवस्था आग्नेय कोण में हो तो अच्छा है। दर्शकों के बैठने की पूरी व्यवस्था स्टेडियम के दक्षिण, पश्चिम और नैऋत्य कोण की तरफ बनाएं। यह हिस्सा ज्यादा ऊंचा हो, तो अच्छा है। खिलाड़ियों के आराम के लिए दक्षिण दिशा में कमरे हों और स्टोर रूम भी दक्षिण से दक्षिण पश्चिम की तरफ वाले भाग में हो। खाने-पीने की व्यवस्था आग्नेय कोण में हो और बैठने की जगह भी यहीं हो। जो भी यहां आए उनके और खिलाड़ियों के लिए योग, ध्यान का केंद्र उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में बनाएं। स्टेडियम में हेल्थ क्लब, मसाज के लिए कक्ष वायव्य कोण उत्तर-पश्चिम की तरफ हो तो अच्छा है।  इससे यहां आने वाले लोग स्वयं में शांति का अनुभव करेंगे, उन्हें अच्छा लगेगा।

मनोरंजन के लिए मूवी क्लब या डांस क्लब यदि बनाएं तो पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशा के मध्य का स्थान सभी को ताजगी और स्फूर्ति का अनुभव कराने में मदद करेगा। यहां का कार्यालय उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ बनाएं। कार्यालय में कैशियर की अलमारी दक्षिण दिशा की दीवार के साथ लगी हुई हो, जो उत्तर की तरफ खुले। यहां बड़े वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था दक्षिण या पश्चिम दिशा में हो। उद्यान पूर्व दिशा की तरफ हो, तो अच्छा है। अतिथि कक्ष उत्तर-पश्चिम की तरफ बनाएं।

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Posted By: Kartikeya Tiwari