- दूसरे राज्यों से मंडी में नहीं आ पा रही हरी सब्जियां

- खाने की थाली से हरी सब्जियां हो गई नदारद

BAREILLY:

बारिश होने के बाद एक फिर सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। सब्जियां महंगी होने की वजह से रसोई घर का जायका बिगड़ गया है। बढ़ी कीमतों के कारण टमाटर और लाल हो गया है। यही वजह है कि कइयों की थाली में सलाद से टमाटर गायब हो गया है। महिलाओं का कहना है कि चंद ही दिनों में सब्जियों की कीमतों में काफी तेजी आई हैं, पहले इन दिनों सब्जियों के दाम काफी कम होते थे और हर कोई सब्जियों का इस मौसम में भरपूर इस्तेमाल करता था। मौजूदा समय में दाम ही इतने बढ़ गए हैं कि लोगों ने टमाटर का इस्तेमाल करना ही बंद कर दिया है।

दोगुने रेट पर बेच रहे ठेले वाले

हरी सब्जियों के दाम बारिश के कारण तो बढ़े हैं लेकिन इसका फायदा ठेले पर और सड़क किराने सब्जी बेचने वाले विक्रेता ज्यादा उठा रहे हैं। बारिश में सब्जियों की आवक कम बता कर फुटकर विक्रेता मंडी में जिस सब्जी का दाम 20 रुपए केजी है बाहर वहीं सब्जी 40-50 रुपए केजी बेच रहे हैं। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि मौसम की स्थिति यही रही तो हरी सब्जियों के रेट में अगले तीन-चार दिनों में काफी तेजी देखने को मिलेगी। जो टमाटर बारिश से पहले 15 रुपए केजी बिक रहा था वह इस समय 60 रुपए तक पहुंच गया है। वही आलू 10 रुपए से बढ़कर 20 से 30 रुपए पर पहुंच गया है।

सब्जियों की आवक हुई कम

बारिश से उत्पादन पर असर पड़ने से हरी सब्जियों का आवक मंडी में कम हो गई है। मंडी एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने बताया कि बरेली में रोजाना 60 ट्रक हरी सब्जियों की खपत हैं। सबसे अधिक मिर्च, आलू और प्याज की मांग होती है। जो डेलापीर मंडी से सिटी सहित आंवला, बहेड़ी और फरीदपुर के आढ़ती बिक्री के लिए ले जाते हैं। लेकिन मंडी में इस समय 30-35 ट्रक ही हरी सब्जियां बरेली के आसपास गांवों और इंदौर, नासिक जैसे दूसरे राज्यों से आ पा रहे हैं। किसान हरी सब्जियां मुहैया नहीं करा पा रहे हैं।

एक नजर रेट पर

सब्जी - पहले - अब

आलू - 10 - 20

प्याज - 15 - 30

लौकी - 8 - 20

अरवी - 15 - 25

बैगन - 20 - 35

हरी धनिया - 25 - 60

मिर्च - 25 - 50

नोट - जैसा की सब्जी विक्रेताओं ने बताया। रेट में दिन के हिसाब से बदलाव हो सकता है।

बारिश में हरी सब्जियों की आवक कम हुई है। ऊपर से रूट डायवर्जन से मार्केट और प्रभावित हुआ है। डायवर्जन की वजह से 3 दिन बाद सब्जियां दूसरे राज्यों से मंडी में आई है।

नाजिम, होलसेलर, डेलापीर मंडी

सब्जियों के दाम बढ़ने से लग रहा है कि अच्छे दिन आ गए हैं। अब हम सब्जी छोड़कर दालें खा रहे हैं। क्योंकि, सब्जियों से सस्ती इस समय दालें पड़ रही हैं।

कृष्णा देवी, खन्नू मोहल्ला

सब्जियों के दाम बढ़ने से बहुत परेशानी हो रही है। घर का बजट बिगड़ रहा है। पहले हम घर के बाहर से सब्जी खरीदते थे मगर अब सब्जी मंडी से ला रहे हैं जिससे पैसे तो बच रहे हैं मगर समय बर्बाद हो रहा है।

नैना खटवानी, राजेंद्र नगर

Posted By: Inextlive