ठंड आते ही सब्जियों के रेट में कमी आनी शुरू हो जाती थी लेकिन इस बार मामला जरा उलटा है. अभी तक सब्जियों के रेट नहीं गिरे हैं और आगे भी सब्जियां सस्‍ती होने की कोई उम्‍मीद नहीं दिखती. पढि़ए एक रिपोर्ट कि इस बार ठंड में भी सब्जियों में क्‍यों आग लगी है...


उत्तराखंड आपदा की मारठंड की शुरुआत में ही उत्तराखंड से आलू जैसी सब्जियों की मंडियों में आमद हो जाती थी लेकिन इस बार उत्तराखंड आपदा के कारण फसल चौपट हो चुकी है और स्टोर से स्टॉक खत्म हो चुका है. मंडियों में नई पैदावार नहीं आने के कारण रेट में आग लगी हुई है. पश्चिम बंगाल में आलू के कारण वैसे ही सरकार की किरकिरी हो रही है.बिचौलियों की चांदी प्याज-आलू की सेंचुरीप्याज पहले से ही रूला रहा था. अब आलू ने भी सब्जियों का जायका बिगाड़ दिया है. धीरे-धीरे आम आदमी की थाली से एक-एक कर सब्जियां दूर हो रही हैं. थोड़ी बहुत परेशानी तो थी ही बिचौलियों के कारण सब्जियों के रेट और बढ़ रहे हैं. मौके का फायदा उठाकर बिचौलिए चांदी काट रहे हैं. उनके कारण अन्य राज्यों से सब्जियां मंगवाने के बावजूद रेट नहीं गिर रहे हैं.
सहालग के सीजन में बढ़ेगी मांग और रेट


आने वाला सीजन शादी-ब्याह का है. ऐसे में मंडियों में हर तरह की सब्जियों की मांग बढ़ जाएगी. इस तरह अब सब्जियों के रेट में कोई कमी की उम्मीद नहीं है. इससे पहले ठंड शुरू होते ही सब्जियों के रेट में कमी आ जाती थी और ठंड बढ़ने के साथ-साथ सब्जियां सस्ती हो जाती थीं लेकिन इस बार ऐसी कोई उम्मीद नहीं दिख रही.

Posted By: Satyendra Kumar Singh