अब फिर किचन में दिखेंगी सब्जियां
बारिश ने बिगाड़ दी थी मंडी की सूरत सब्जी मंडी के जानकारों का कहना है कि बारिश ने खेत में खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया था जिसके चलते मंडी में सप्लाई डिमांड से कम थी। इस वजह से सब्जियों के कई गुना बढ़ गए थे। नई फसल के इंतजार में सब्जियों के दामों में खूब उछाल आया और पब्लिक को महंगाई से दो चार होना पड़ा। सप्लाई कम होने के अलावा मैरेज सीजन होने की वजह से भी सब्जियों के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। फुटकर में डेढ़ से दो गुना महंगी हो जाती है सब्जी
सब्जियों की महंगाई को लेकर आई नेक्स्ट ने जब पड़ताल की तो कुछ अलग ही मामला सामने आया। थोक मंडी से रिटेल में जाते-जाते सब्जी का रेट डेढ़ से दो गुना बढ़ जाता है। थोक मंडी में मटर 30 रुपए किलो है तो फुटकर में दुकानदार 60 रुपए किलो तक बेच रहे हैं। पब्लिक रीजन पूछती है तो दुकानदार महंगाई का हवाला देकर चुप्पी साधने के लिए मजबूर कर देते हैं। यहीं नहीं प्याज और अन्य सब्जियों के थोक और फुटकर रेट में डेढ़ से दोगुने का अंतर है।सब्जी - कीमत(थोक) - कीमत(रिटेल)मटर - 30 - 40- 45
गोभी - 20-25 - 40खीरा - 12-15 - 30-35टमाटर - 40-45 - 60-70बैंगन - 12-13 - 20-25साग - 10-12 - 40गाजर - 10-15 - 20-25परवल - 40 - 60-70प्याज - 25-30 - 50आलू - 15-19 - 25-28मूली - 7-8 - 20हरी मिर्च - 15-20 - 50-70रेट रुपए प्रति किलोपूर्वांचल सब्जी फल थोक विक्रेता समिति आवक कम होने के चलते सब्जी के रेट चढ़े थे, लेकिन अब लोकल सप्लाई होने की वजह से मार्केट डाउन हो रही है। 15 दिन बाद सब्जी के रेट और ज्यादा गिर जाएंगे। ठंड के मौसम में सबसे ज्यादा सब्जी की वैरायटी मार्केट में आती है।हाजी रमजान मेकरानी, महामंत्री, पूर्वांचल सब्जी फल विक्रेता समिति
सब्जी मार्केट में सबसे ज्यादा तेजी प्याज और टमाटर में चल रही थी लेकिन हाल के दिनों में रेट गिरे हैं। आगे आने वाले दिनों में मार्केट और ज्यादा गिरेगी। कस्टमर को महंगाई से बड़ी राहत मिलेगी। भोजपुर, बलिया और रापडग़ंज से टमाटर की आवक होने पर रेट और ज्यादा कम होंगे।अब्दुल करीम, सब्जी आढ़तीठंड के मौसम में फल की मार्केट कम हो जाती है। इस मौसम में हरी सब्जियों और साग की खपत बढ़ जाती है। बारिश के चलते फसल खराब हो गई थी जिसके चलते सब्जियों के रेट अचानक बढ़ गए थे। अब नई फसल आने पर रेट अपने आप कम हो जाएगा।अरुण कुमार गुप्ता, फल व सब्जी आढ़तीअब तक नासिक, बेंगलुरू और इंदौर से प्याज आ रहा था। फसल खराब होने के चलते अचानक रेट कई गुना बढ़ गए थे, लेकिन नई फसल के आने से अब रेट धीरे-धीरे उतर रहे हैं। इसके अलावा लोकल एरिया में भी प्याज की फसल तैयार है। आगे के दिनों में प्याज और टमाटर के रेट कम होंगे।शहजादे, सब्जी आढ़ती