- डीसीआरबी ने थानों में खड़े वाहनों के इंजन व चेसिस नंबर चेक किये तो हुआ खुलासा

- विभिन्न थानों में खड़े मिले 74 चोरी गए वाहन

- कोर्ट से परमीशन लेकर मालिकों के सुपुर्द करेगी पुलिस

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LUCKNOW : राजधानी के विभिन्न इलाकों से चोरी गए वाहनों को पुलिस गली-गली तलाश रही थी वह वाहन थानों में खड़े मिले. एसएसपी के निर्देश पर डीसीआरबी द्वारा बीते एक महीने में चलाए गए अभियान में चेसिस व इंजन नंबर के मिलान के बाद 74 ऐसे वाहनों का पता चला. इन वाहनों के मालिकों ने थानों में खड़े अपने वाहनों की शिनाख्त कर ली है. अब पुलिस कोर्ट से परमीशन लेकर इन वाहनों को मालिकों के सुपुर्द करेगी.

निरीक्षण के दौरान िमला आइडिया

एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि कुछ दिनों पहले वे विकासनगर थाने के औचक निरीक्षण पर पहुंचे थे. जहां उनकी नजर एमवी एक्ट के तहत सीज किये गए चार वाहनों पर पड़ी, लंबा वक्त बीतने के बाद भी इन वाहनों के मालिक इन्हें छुड़ाने नहीं आए. उन्होंने डीसीआरबी को इन वाहनों की पड़ताल का निर्देश दिया तो दूसरी ही कहानी निकलकर सामने आई. इन चारों वाहनों की नंबर प्लेट फर्जी थी. इंजन व चेसिस नंबर की जांच में पता चला कि यह वाहन राजधानी के अलग-अलग इलाकों से चोरी किये गए थे. यह पता चलते ही एसएसपी ने डीसीआरबी को राजधानी के सभी थानों में एमवी एक्ट के तहत सीज किये गए वाहनों की गहन जांच का आदेश दिया.

74 वाहन चोरी के मिले

आदेश मिलते ही डीसीआरबी ने सभी थानों में खड़े उन सभी वाहनों की जांच शुरू की जिन्हें एमवी एक्ट के तहत सीज किया गया था और उनके मालिक इन वाहनों को छुड़ाने वापस नहीं लौटे. जांच में 74 वाहनों का पता चला जो राजधानी के विभिन्न इलाकों से चोरी किये गए थे और उनके मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज थे. इन वाहनों में 69 बाइक, 3 ई-रिक्शा, एक बोलेरो और एक टाटा मैजिक गाड़ी शामिल थी. वाहनों के चोरी का होने की तस्दीक होने के बाद पुलिस ने आरटीओ कार्यालय से इन वाहनों के मालिकों की डिटेल निकलवाई और उन्हें उनके वाहन मिलने की सूचना दी. जानकारी मिलने पर संबंधित थाने पहुंचे लोगों ने अपने वाहनों की शिनाख्त की. एसएसपी नैथानी ने बताया कि इन वाहनों को कोर्ट से परमीशन लेकर इनके मालिकों के सुपुर्द किया जाएगा.

सात साल से खड़े थे वाहन

एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक, डीसीआरबी की जांच में खुलासा हुआ कि 2012, 2013, 2014 और 2015 के एक-एक चोरी का वाहन बरामद हुआ. वहीं, 2016 में सीज किये गए 16 वाहन, 2017 में सीज किये गए 21 वाहन और 2018 में सीज किये गए 33 वाहन थानों में खड़े मिले, जिन्हें राजधानी के अलग-अलग इलाके से चोरी किया गया था.

हजरतगंज में मिले सबसे ज्यादा वाहन

चोरी के सबसे ज्यादा वाहन हजरतगंज कोतवाली में खड़े मिले. एसएसपी ने बताया कि हजरतगंज में सात ऐसे सीज वाहन मिले जो चोरी के थे. इसके अलावा महानगर में 6, वजीरगंज में 6, चौक में 6, पीजीआई में 3, सरोजनीनगर में 3 और मानकनगर में 2 चोरी के वाहन खड़े मिले.

चेकिंग के लिये स्पेशल स्क्वायड

इतनी भारी संख्या में चोरी के वाहन रिकवर होने से हैरान एसएसपी ने संदिग्ध दिखने वाले वाहनों की इंजन व चेसिस नंबर से मिलान कराने के लिये स्पेशल स्क्वायड का गठन किया है. उन्होंने बातया कि इस स्क्वायड में दो इंस्पेक्टर और दो कॉन्सटेबल तैनात होंगे. उन्हें लैपटॉप व इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी. यह स्क्वायड शहर में घूम-घूमकर विभिन्न पार्किंग व सार्वजनिक स्थलों पर खड़े संदिग्ध वाहनों के इंजन व चेसिस नंबर चेक करेगा.

Posted By: Kushal Mishra