- पेंशन योजनाओं के पात्र पति-पत्‍‌नी में से एक की पेंशन बंद होने पर नाराज दिखे विधायक

- समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने कहा पेंशन पर विचार करेगी सरकार

DEHRADUN: विधानसभा सत्र के दूसरे दिन ट्यूजडे को क्वैश्चंस ऑवर के दौरान सरकार के मंत्रियों को पक्ष-विपक्ष के विधायकों के सवालों से दो-चार होना पड़ा। समाज कल्याण की विभिन्न योजनाओं में पेंशन पा रहे पति-पत्‍‌नी में से एक की पेंशन बंद कर दिए जाने पर सदस्यों ने नाराजगी जताई। विधायकों ने दोनों की पेंशन बरकरार रखने की मांग उठाई। बदले में समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य को आखिर में कहना पड़ा कि सरकार इस पर विचार करेगी। इसके अलावा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से किए गए सवालों पर भी विधायक संतुष्ट नहीं दिखे।

सदन में उठा पेंशन का मामला

क्वैश्चंस ऑवर में कांग्रेस विधायक ममता राकेश के प्रश्न पर समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने बताया कि पेंशन योजनाओं में बीपीएल श्रेणी के उन लोगों को पेंशन के लिए पात्र माना गया है, जिनकी मासिक आय चार हजार है। 15900 लोगों को पेंशन दी जा रही है। बीजेपी के विधायक सुरेंद्र सिंह जीना ने अनुपूरक प्रश्न में कहा कि समाज कल्याण की पेंशन योजनाओं को सरकार ने पति की पेंशन बंद कर दी। उन्होंने दोनों की पेंशन यथावत रखने की मांग की। शक्तिलाल शाह ने भी मामला उठाया। बीजेपी विधायक विनोद चमोली ने जानना चाहा कि यह निर्णय किस स्तर पर लिया गया, क्या मंत्रिमंडल के फैसले को विभाग पलट सकता है। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने बताया कि 2010 में जीओ के तहत पात्र पति-पत्‍‌नी दोनों को पेंशन देने का निर्णय हुआ। 17 जून 2016 को पूर्ववर्ती सरकार ने निर्णय लिया कि दोनों में से एक को ही पेंशन दी जाए। बाद में वसूली की, लेकिन वर्तमान सरकार ने रोक लगाई। आखिर में समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि पति-पत्‍‌नी दोनों को पेंशन देने पर सरकार विचार करेगी।

नए मार्गो पर वाहन संचालन की अनुमति पर िघरे मंत्री

सत्र के दौरान सदन में परिवहन मंत्री यशपाल आर्य पक्ष व विपक्ष के विधायकों के सवालों से घिरे दिखे। भाजपा विधायक ने सवाल किया कि 5 वर्षो में प्रदेश में निर्मित सड़क मार्गो को विभाग की स्वीकृति प्रदान नहीं की गई। जिससे रोड एक्सीडेंट पर बीमा कंपनियां बीमा नहीं दे रही हैं। परिवहन मंत्री ने कहा कि पांच वर्षो में प्रदेश में कुल 790 नए मार्गो पर संयुक्त सर्वेक्षण के उपरांत मार्गो पर वाहन संचालन के लिए उपयुक्त पाए गए। इसके बाद संबंधित संभागीय परिवहन प्राधिकरणों द्वारा वाहनों को संचालन की स्वीकृति प्रदान की गई।

मार्गो को अनुमति देने की निरंतर प्रक्रिया

इस पर भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट, राम सिंह केड़ा आदि विधायकों ने कहा कि कई मार्गो को अब तक डिपार्टमेंट की ओर से परमिशन नहीं मिल पाई है। जिस कारण बीमा कंपनियां बीमा नहीं दे रही हैं। विधायकों ने परिवहन मंत्री से आंकड़े भी मांगे। लेकिन परिवहन मंत्री ने कहा कि मार्गो को अनुमति देने की निरंतर प्रक्रिया है। शेष बच गए मार्गो को वाहन संचालन की अनुमति दिए जाने के प्रयास किए जाएंगे। विधायक संतुष्ट नहीं दिखे और उन्होंने विभागीय मंत्री से आंकड़े मांगे। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री ने भी मोर्चा संभाला। कहा मार्गो की अनुमति के लिए कई फॉर्मेलिटीज जरूरी होती हैं। इसी बीच परिवहन मंत्री ने कहा कि 1089 में से 790 नए मार्गो पर वाहन चलाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। विधायकों ने गलत आंकड़े पेश करने की बात कही।

कांग्रेस के विधायक ट्रैकिंग ड्रेस में दिखे

विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों का अनोखा विरोध प्रदर्शन नजर आया। कांग्रेस के केदारनाथ से विधायक मनोज रावत व पुरोला से विधायक राजकुमार सत्र शुरू होने से पहले सदन के बाहर ट्रैकिंग ड्रेस में नजर आए। विधायकों ने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेशों के बाद ट्रैकिंग व्यवसायियों को कई तरह की दिक्कतें हो रही हैं। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करनी चाहिए थी। लेकिन सरकार की बेरुखी के चलते स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं। कोर्ट के आदेशों के बाद बुग्यालों में पूरी तरह से नाइट स्टे प्रतिबंधित किया गया है।

श्राइन बोर्ड नहीं हो सकता संभव

सरकार ने कहा कि वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तर्ज पर उत्तराखंड में श्राइन बोर्ड नहीं हो सकता है। चारधाम यात्रा केवल छह माह के लिए संचालित होती है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज प्रश्नकाल के दौरान सदन में निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह के सवाल पर बोल रहे थे। पर्यटन मंत्री ने कहा कि पिछले साल जहां 27 लाख 81 हजार यात्रियों ने चारधाम व हेमकुंड साहिब की यात्रा की। इस बार अब तक यह संख्या 23 लाख के पार पहुंच चुकी है। निर्दलीय विधायक ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान सुविधाओं का अभाव है। पैदल मार्ग बेहतर नहीं हैं। कांग्रेस के विधायक राजकुमार व मनोज रावत ने कहा कि केदारनाथ यात्रा के लिए सरकार किसी वैकल्पिक मार्ग पर विचार कर रही है। पर्यटन मंत्री ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की केदारनाथ व बद्रीनाथ धाम की यात्रा के बाद यात्रियों की आमद में खासी बढ़ोत्तरी हुई है। कहा, केदारनाथ में सरकार रोपवे की तैयारी कर रही है।

सिंचाई टैक्स का मामला भी उठा

भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने सरकार से सिंचाई अपासी(सींचकरर) माफ करने की मांग की है। बदले में सिंचाई मंत्री ने इसको खारिज कर दिया। कहा, सरकार को इस टैक्स से 2.95 करोड़ का टैक्स प्राप्त हो रहा है। बदले में हर वर्ष 85 करोड़ रुपए बिजली खर्च सहित खर्चा हो रहा है। अपासी की दरें वर्ष 1994 से लागू हैं। ऐसे में सिंचाई अपासी टैक्स समाप्त करने का विचार नहीं है।

Posted By: Inextlive