DEHRADUN : एसजीआरआर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस आईटीएस में देश-विदेश के फार्मा एक्स्पट्र्स ने फॉर्मास्युटिकल साइंस के मौजूदा ट्रेंड्स और फ्यूचर चैलेंजेज पर अपने विचार सांझा किए. उन्होंने फार्मा एजुकेशन व फार्मा फील्ड में हो रहे नए रिसर्च वर्क पर अपने एक्स्पीरियंसेज शेयर किए. कॉन्फ्रेंस में 35 फार्मा संस्थानों के 402 शोधार्थियों ने शोधपत्र प्रस्तुत किए.


दो दिवसीय कॉन्फ्रेंसएसजीआरआर आईटीएस के ऑडिटोरियम में ऑर्गनाइज हुई इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन फार्मास्युटिकल साइंस यानि आईसीपीएस-2014 में फार्मा सेक्टर के फ्यूचर चैलेंजेज पर मंथन हुआ। कॉन्फ्रेंस दो दिनों तक चलेगी। पहले दिन कॉन्फ्रेंस को फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट डा। बी सुरेश ने लैंप लाइटिंग कर इनॉगरेट किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि क्लीनिकल सर्विसेज में फार्मेसी प्रोफेशनल्स का बहुत बड़ा योगदान है, लेकिन हमारे देश में इसकी कमी है, इसके सुधार पर विचार जरूरी है। यूएसए के सेंटर फॉर रिस्पॉसिबल न्यूट्रीशन के वाइस प्रेसीडेंट डा। जेम्स ग्रिफिथ हर्बल प्रोडक्ट्स को अहम बताया। डब्ल्यूएचओ स्विटजरलैंड की डा। शांति पॉल ने मौजूदा परिदृश्य में फार्माकोविजिलेंस की इंपार्टेंस बताई।नए शोध को समझने का मौका
उन्होंने वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन की ओर से दुनिया भर में फार्माकोविजिलेंस के लिए किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। संस्थान की फार्मा डिपार्टमेंट की प्रिंसिपल व कॉन्फ्रेंस की कंवीनर प्रो। प्रीति कोठियाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंंस के जरिए स्टूडेंट्स को फार्मा फील्ड में हो रहे शोध कार्यों को जानने समझने का सुनहरा मौका मिलेगा। दो दिनों तक चलने वाली कॉन्फ्रेंस में स्टूडेंट्स को करियर और कोर्स रिलेटेड इश्यूज पर एक्स्पट्र्स टिप्स देंगे। इस मौके पर एसजीआरआर पीजी कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। वीए बौड़ाई और हिमालयन ड्रग कंपनी के प्रेसीडेंट डा। एस फारुख नें भी विचार व्यक्त किए। प्रोग्राम में एसजीआरआर एजुकेशन मिशन से जीएस राणा, वीके नौटियाल, ब्रिज सिंघा, कर्नल आनंद, डा। नरदेव सिंह, मनीश मिश्रा, सहित फैकल्टी और स्टूडेंट्स मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive