आई नेक्स्ट ने सिर्फ एडमिनिस्ट्रेशन को ही नहीं बल्कि सबको नींद से जगा दिया है.

हाल ये है कि पहली बार सिटी में जानवरों की मौत पर स्टूडेंट्स ने कैंडिल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। फ्राइडे को एचबीटीई स्टूडेंट्स ने कानपुर जू के सामने कैंडिल लेकर प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स का कहना है कि हमें अपने फ्यूचर के लिए हर हाल में जानवरों को बचाना होगा।
यही नहीं जू में हुई कब्स की मौत पर कानपुर के एमपी और सेंट्रल कोल मिनिस्टर श्रीप्रकाश जायसवाल भी दुखी हैं। उनका कहना है कि वो जू जाकर जानवरों की मौत के मामले की जू एडमिनिस्ट्रेशन से जानकारी लेंगे।

रंग ला रही मुहिम

आई नेक्स्ट की मुहिम रंग ला रही है। कानपुर जू में लगातार हो रही जानवरों की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। थर्सडे को ऑफिसर्स ने जू का इंस्पैक्शन कर जू एडमिनिस्ट्रेशन से 15 दिनों में रिपोर्ट मांगी थी। फ्राइडे को एचबीटीआई स्टूडेंट्स ने कैंडिल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। स्टूडेंट्स का कहना है कि हमारे फ्यूचर के लिए जानवरों को हर हाल में बचाना होगा।
शासन को जू एडमिनिस्ट्रेशन के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठाना चाहिए। जू में लगातार हो रही जानवरों की मौत से कानपुराइट्स जबरदस्त गुस्से में हैं।

होना चाहिए कठोर

जू में जानवरों की देखभाल और खाने पीने के लिए गवर्नमेंट हर साल करोड़ों रुपए खर्च करती है लेकिन उसके बाद भी उनकी मौत हैरान करने वाली बात है। त्रुशा के दो बच्चों की मौत के बाद जू एडमिनिस्ट्रेशन को होश नहीं आ रहा है। स्टूडेंट्स का कहना है कि नो डाउट जू काफी बड़ा है लेकिन व्यवस्था के नाम पर यहां विजिटर्स को सिर्फ बेवकूफ बनाया जा रहा है।
बाघ के तीन बच्चों को देखने के लिए लोगों में काफी एक्साइटमेंट था लेकिन उनके मरने के बाद लोग शॉक्ड हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि कुछ दिनों पहले हम लोग जू गए थे तो हमने बाघ के बच्चों को देखने की इच्छा जताई थी लेकिन उनको बाड़े से नहीं निकाला गया। केयर टेकर ने बताया कि अभी बच्चे छोटे हैं।
उनको इंफैक्शन न हो इसलिए बाहर नहीं निकाला जाएगा। जू का हालत बहुत खराब है। मछलियों का पानी बदला नहीं जाता है। जिन जानवरों को खाने में ताजी मछलियां मिलनी चाहिए उनको मरी हुई दी जाती हैं।
होनी चाहिए जांच।
एचबीटीआई स्टूडेंट्स ने बताया कि जू प्रशासन को अब जाग जाना चाहिए। अगर अब भी नहीं जागे तो कहीं फिर बहुत देर न हो जाए। अगर इस तरह से जानवर मरते रहे तो यहां कोई आना पसंद नहीं करेगा। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को मामले की जांच करनी चाहिए, जू के डायरेक्टर से ये सवाल पूछना चाहिए कि बेजुबानों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम क्यों नहीं ले रहा है।

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Posted By: Inextlive