सुप्रीम कोर्ट के डिसीजन का हवाला देकर एमपी-एमएलए कोर्ट में दाखिल हुई राकेशधर त्रिपाठी के पक्ष में रिपोर्ट

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आय से अधिक सम्पत्ति रखने के आरोपी पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के मुकदमें में नया मोड़ आ गया है. सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर प्रयागराज के विवेचक हवलदार सिंह यादव ने विशेष कोर्ट एमपी-एमएलए में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का रिफरेंस देते हुए आख्या कोर्ट में दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि श्री त्रिपाठी के विरूद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का अपराध होना नहीं पाया गया.

कोर्ट में दी गयी डिटेल

विवेचक ने विशेष कोर्ट में प्रेषित पत्र में उल्लिखित किया है कि मामले में अग्रिम विवेचना की गयी है

राकेशधर त्रिपाठी ने मई 2007 से 31 दिसम्बर 2011 के मध्य कुल अर्जित सम्पत्ति 1,11,94,402 रुपये है

चेक अवधि के मध्य व्यय 62,76,174 तथा चेक अवधि के मध्य कुल अर्जित परिसम्पत्ति एवं कुल व्यय 1,74,70,576 है

चेक अवधि के मध्य कुल आय 1,68,23,615 पायी गयी, जो आय के सापेक्ष रुपये 6,46,961 अधिक है

आय की तुलना में अनानुपातिक परिसम्पत्ति 3.845 प्रतिशत यानी चार फीसदी अधिक है

सुप्रीम कोर्ट ने 10 प्रतिशत छूट दे रखी है. अतएव भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का अपराध नहीं होना पाया जाता.

कार्यालय पुलिस अधीक्षक, उ.प्र. सतर्कता अधिष्ठान, चतुर्थ तल, संगम प्लेस सिविल लाइन के पुलिस अधीक्षक द्वारा 30 मार्च 2019 को यह पत्र अग्रसारित किया गया जो 19 अपै्रल 2019 को विशेष कोर्ट में दाखिल हुआ.

बता दें कि उत्तर प्रदेश शासन के सतर्कता विभाग अनुभाग-4 के आदेश से 12 जून 2013 को पूर्व उच्च शिक्षामंत्री के विरूद्ध आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित किये जाने के सम्बंध में विवेचना किये जाने का आदेश दिय गया था तथा थाना मुट्ठीगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई गयी थी.

तत्समय विवेचना भारत रत्न वाष्र्णेय, योगेन्द्र राय, एसपी सिंह के द्वारा की गयी

इसमें राकेशधर त्रिपाठी की कुल आय 1,35,38,351 अधिक पाया गया जो आय की तुलना में अनानुपातिक परिसम्पत्ति 295 प्रतिशत अधिक थी

शासन के माध्यम से राज्यपाल द्वारा न्यायालय में मुकदमा चलाये जाने की अनुमति दी गयी जिसके आधार पर तत्कालीन विवेचक निरीक्षक एसपी सिंह ने विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम वाराणसी की कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया.

कोर्ट ने मुकदमा चलाने के बाबत संज्ञान भी ले लिया.

इसी बीच राकेधशर त्रिपाठी ने 30 अगस्त 2017 को प्रत्यावेदन देकर कुछ बिन्दुओं पर अग्रिम विवेचना कराने का अनुरोध किया था

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विशेष कोर्ट एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने विवेचक की आख्या को गंभीरता से लेते हुए मुकदमा दर्ज करके कार्यवाही शुरू करते हुए सुनवाई तिथि 14 मई मुकर्रर की है. पूर्व के विवेचक वर्तमान में विभाग के उच्च पद पर तैनात हैं. कोर्ट की कार्रवाई से उन पर गाज करने की संभावना बन गयी है.

Posted By: Vijay Pandey