- बाह के गांव गुढ़ा में लोगों ने मतदान का किया बहिष्कार

- ग्रामीणों को मनाने पहुंचे एसडीएम

- रोड नहीं तो वोट नहीं का बैनर लगाकर किया बहिष्कार

AGRA। राजनीतिक नुमाइंदों के वादों का सच देखना है तो बाह के गांव गुढ़ा आइए। जब प्रशासन और राजनीतिक प्रतिनिधियों के वादों की इंतहा हो गई तो ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। बुनियादी सुविधाओं से दूर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर लोकतंत्र के उस सच को बेपर्दा कर दिया, जनता के जिस भरोसे का लबादा ओढ़कर उनके विकास की लम्बी-चौड़ी वकालत करते थकते नहीं हैं। बाह क्षेत्र के एमपी की सीमा सटे गांव गुढ़ा में ग्रामीणों का गुस्सा जायज भी है, ग्रामीण एसडीएम के मनाने पर भी वोट करने को तैयार नहीं हुए, वहीं सुसांर गांव में कुल भ्8म् वोटरों में से एक व्यक्ति ने केवल नोटा का बटन दबाया।

ग्रामीण बोले गांव खो गया है

बाह तहसील का चम्बल की कटीली झाडि़यों के झुरमुटों में बसा गांव गुढ़ा खो गया है, ये हम नहीं कह रहे,ऐसा वहां के आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है। क्क्00 की कुल आबादी वाला ये गांव अपने बुनियादी अस्तित्व को बचाए रखने की जद्दोजहद में देश की आजादी के समय से लगा हुआ है, लेकिन बुनियादी विकास के बदले हर बार उसके हिस्से में कोरा आश्वासन ही आया।

हर बारिश के बाद ग्रामीण तैयार करते हैं रास्ता

गांव गुढ़ा के कंटीले जिगजैग अर्थात सर्पाकार रास्ते को हर बारिश के बाद अपना पसीना बहाकर तैयार करते हैं, लेकिन बारिश में इस रास्ते का अस्तित्व ही खो जाता है। पिछले कई दशकों से ग्रामीण इस कसरत में जुटे हुए हैं। गांव के 70वर्षीय कल्याण सिंह कहते हैं कि कई बार वोट मांगने कई पार्टियों के नेता आए, विकास का वादा कर चले गए।

गांव में न पेयजल की सुविधा न स्वास्थ्य केन्द्र

गांव के सुखपाल, होरन सिंह, रामसेवक लज्जादेवी ने बताया कि गांव में पीने की पानी की कोई सुविधा नहीं है और न ही कोई स्वास्थ्य केन्द्र है। ग्रामीण चम्बल से पानी पीते हैं रास्ता न होने से कई प्रसूताओं की मौत हो चुकी है। बीती रात फूलवती नामक महिला की इलाज न मिलने के कारण मौत हो गई। पूरे गांव में दो ट्रैक्टर और म् बाइकें हैं

सपा नेता ने लोहिया ग्राम के प्रस्ताव को हटवाया

ग्रामीणों ने बताया कि पिछले वर्ष एक सपा नेता ने इस गांव को लोहिया गांव के प्रस्ताव से इसका नाम हटवाकर अन्य गांव का नाम शामिल कर लिया।

पिछले वर्ष ख्0 बच्चों समेत दर्जनों मवेशियों की हो चुकी मौत

पिछले वर्ष गांव में बुखार फैलने के कारण ख्0 बच्चों समेत दर्जनों मवेशियों की मौत सिर्फ इस वजह से हो गई, क्योंकि उन्हें रास्ते न होने की वजह से समय पर इलाज नहीं मिल सका।

गांव में नहीं होती शादी

ग्रामीणों के अनुसार गांव में बुनियादी सुविधा न होने से गांव में शादी भी नहीं हो पाती हैं, मौजूदा समय में गांव में म्0 युवा अविवाहित हैं। लड़कियों की शादी करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है, बारात के लिए कोई रास्ता न होने से कोई बरात लाने को तैयार नहीें होता है।

Posted By: Inextlive