गांवडी में कूड़ा निस्तारण पर नही बनी बात
सोमवार को भी नहीं उठ सका शहर का कूड़ा
Meerut। लाखों प्रयासों के बावजूद नगर निगम कूड़ा निस्तारण के मामले में विफल साबित हो रहा है। सोमवार को निगम के अधिकारियों ने गांवडी गांव में कूड़ा डंपिंग पर ग्रामीणों से बात की लेकिन सहमति नहीं बन सकी। जिस वजह से सोमवार को भी शहर का कूड़ा नहीं उठ सका। कूड़ा निस्तारण में फंसा निगम मंगतपुरम और गांवडी में कूडा डंप करने की निगम की व्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई है। इस योजना के अटकने से निगम की डोर टू डोर कूड़ा निस्तारण व्यवस्था भी अधर में अटकी हुई है। जिन 10 नए वार्डो से निगम को कूड़ा उठाना था, उनमें भी अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। गाडि़यां में भरा कूड़ाहालात ये हैं कि निगम की अधिकतर गाडि़यां चार दिन से कूड़े से लदी जस की तस डिपो में खड़ी हुई हैं। इन गाडि़यों को सोमवार को भी गांवडी भेजा गया लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते गाडि़यां वापस आ गई।
गांवडी प्लांट में सहमति नहीं बन पा रही है। इस मामले में नगरायुक्त स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। डॉ। कुंवर सेन, नगर स्वास्थ्य अधिकारीशहर की हालत धीरे-धीरे मलिन बस्तियों की तरह होती जा रही है। जहां देखो कूड़ा बिखरा हुआ है। गली- मोहल्लों के छोटे-छोट डंपिग ग्राउंड कूडे़ से अटे पड़े हैं।
सुशील शहर की पुरानी कालोनियों से तो कूड़ा पहले भी कई-कई सप्ताह में उठता था। अब तो एक माह से अधिक समय हो गया है। मजबूरी में लोग नालियों में या आसपास के नालों में कूड़ा डाल रहे हैं। वेद प्रकाश नालों की सफाई का भी कुछ फायदा नहीं है क्योंकि अधिकतर लोग अपने घर का कूड़ा शहर के नालों में डाल रहे हैं। अली हसन