एक माह में लाखों रुपये के बिके वीआईपी नंबर

38 वीआईपी नंबरों की नीलामी में आवेदकों में दिखा उत्साह

9 लाख रुपये से अधिक में की गई वीआईपी नंबरों की नीलामी

5 लाख रुपये से अधिक राजस्व मिला ए कैटेगरी के नंबरों के लिए

18 मार्च को ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया की गई थी शुरु

0001, 0007, 1111 जैसे ए कैटेगरी के वीआईपी नंबर की बुकिंग में दिखा क्रेज

15 हजार रुपये अधिकतम कीमत वाले वीआईपी नंबरों को पाने की दिखी चाहत

4.5 लाख रुपये में बिके 0001, 0007, 1111 जैसे ए कैटेगरी के वीआईपी नंबर

10 लाख रुपये से अधिक आमदनी की उम्मीद है विभाग को इस माह

18 अप्रैल को फिर से वीआईपी नंबरों की शुरू हो सकती है नीलामी प्रक्रिया

Meerut. परिवहन विभाग के लिए वाहनों के वीआईपी नंबरों की नीलामी बंपर योजना साबित हो रही है. गत माह शुरू हुई इस योजना के शुरुआत 38 के करीब नंबरों की नीलामी से ही विभाग को 9 लाख रुपये से अधिक राजस्व मिला है. योजना के तहत सबसे अधिक ए कैटेगरी के नंबरों के लिए बोली लग रही है जिससे विभाग पांच लाख रुपये से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है.

विभाग को हो रहा फायदा

एआरटीओ श्वेता वर्मा ने कहाकि ऑनलाइन प्रक्रिया मुख्यालय स्तर से जारी की जाती है. इसमें वाहन मालिक खुद ही अपने स्तर पर बोली लगाता है. इससे विभाग को फायदा हो रहा है और आवेदक को अपनी पसंद का नंबर भी मिल रहा है.

ए कैटेगरी बना रही मालामाल

गत माह 18 मार्च को ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया शुरु की गई थी. शुरुआत में ही 0001, 0007, 1111 जैसे ए कैटेगरी के वीआईपी नंबर की बुकिंग हो गई थी. 15 हजार रुपये अधिकतम कीमत वाले इन नंबरों को पाने के वाहन मालिकों ने दिल खोलकर बोली लगाई जिसके चलते ये अकेले ये तीन नंबर ही साढे चार लाख रुपये में बिके थे. इससे अलग करीब 35 वीआईपी नंबरों के लिए ही पांच लाख रुपये से अधिक की बोली लगने के बाद नंबर बिक चुके हैं.

लाखों के नंबर कतार में

अभी विभाग ने इस माह ऑक्शन नही खोला है उम्मीद है कि 18 अप्रैल को ऑक्शन खोला जाएगा. ऐसे में हजारों आवेदक वीआईपी नंबर बुक कराने के लिए कतार में है. इस सीरीज में भी सैकड़ों नंबर ऐसे हैं जिनके लिए वाहन मालिक लाखों खर्च करने को तैयार हैं. ऐसे में विभाग को इस माह भी वीआईपी नंबर से दस लाख रुपये से अधिक आमदनी की उम्मीद है.

वीआईपी नंबर कीमत

0001 211000

0007 35000

1111 108500

2929 18000

4040 15500

9292 20000

Posted By: Lekhchand Singh