वीआईपी रोड पर मारे गए शानू ओलंगा केस में खाकी को कोई कामयाबी नहीं मिल पा रही है. हर तरह से कोशिश के बाद पुलिस मामले में दो कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है.


केस ने पुलिस की तैयारियों के सारे दावों की पोल खोल दी है। पुलिस के रवैए ने उसकी नीयत पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। केस को सॉल्व करने में पुलिस के सारे सूत्र और स्ट्रेटजी फेल साबित हुई है। अब वो सिर्फ हवा में तीर चला रही है।ऐसे तो हो चुकी जांच       आई नेक्स्ट की फोटो में दिख रहे दोनों लोग इंवेस्टिगेशन में अहम कड़ी साबित हो सकते हैं। इसके बाद भी उनकी पहचान के लिए पुलिस के पास कोई प्लानिंग नहीं है और न इसे लेकर वो सीरियस है। डीआईजी ने एक हफ्ते पहले फोटो के पोस्टर्स बनवाकर पब्लिक प्लेसेस में लगवाने की बात कही थी मगर आज तक वो अपनी ही बात पर अमल नहीं कर पाए हैं। पुलिस के इस रवैए से उसकी नीयत पर ही सवाल उठने लगे हैं। STF की दबिश जारी


एसटीएफ ने सैटरडे को छोटे मियां का हाता, अजीतगंज कालोनी, नौबस्ता और कल्याणपुर एरियाज में दबिश दी। नौबस्ता से एक संदिग्ध को टीम ने उठा लिया। 30 नवंबर को मारे गए शानू मामले में मोनू पहाड़ी, रईस बनारसी और ढपाली को नेम्ड किया गया था।

आई नेक्स्ट ने घटना के ठीक बाद शानू की डेडबॉडी के पास हथियार लेकर बेखौफ खड़े दो लोगों की फोटो पब्लिश की थी। इसमें से एक शख्स के पूर्वांचल का शूटर और एसटीएफ का मेंबर होने की भी चर्चा सामने आई थी। मगर, 11 दिन बाद भी पुलिस ये क्लियर नहीं कर पाई कि शख्स उसके डिपार्टमेंट का है या नहीं।

Posted By: Inextlive