JAMSHEDPUR: बदलते मौसम ने सर्दी-जुकाम व वायरल फीवर के रोगियों की संख्या बढ़ा दी है। हर दूसरे-तीसरे घर में इस तरह के रोगों से लोग पीडि़त हैं। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि अस्पतालों में बेड मिलना भी मुश्किल हो गया है। भर्ती होने के लिए पैरवी लगानी पड़ रही है। शहर के अलग-अलग अस्पतालों का आंकड़ा देखा जाए तो करीब 30 हजार लोग मौसमी बीमारियों की चपेट में है। इसमें करीब 05 हजार लोग शहर के छोटे-बड़े अस्पतालों में भर्ती हैं। अन्य की दवा चल रही है।

मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विशेष दिशा-निर्देश जारी किया गया है। अधीक्षक ने इमरजेंसी विभाग में कम से कम पांच बेड हमेशा खाली रखने का निर्देश दिया है। आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए रविवार को अधिकांश मरीजों को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। यहीं हाल शहर के दूसरों अस्पतालों का भी है। टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच), टाटा मोटर्स, मर्सी, टिनप्लेट सहित अन्य अस्पतालों में भी बेड नहीं मिल रहा है। अटेंडर व हॉस्पिटल प्रबंधकों के बीच हो-हंगामा की नौबत रोजाना उत्पन्न हो रही है। दो दिन पूर्व ही टीएमएच में बेड नहीं मिलने से जमकर हंगामा हुआ था।

हो सकती है परेशानी

सर्दी-जुकाम, वायरल फीवर की चपेट में इन दिनों अधिकांश लोग हैं। चिंता का विषय यह है कि ये लोग पहले खुद से ही दवा खरीदकर खाते हैं, जब रोग ठीक नहीं होता तो डॉक्टर के पास पहुंचते हैं। ये एंटीबायोटिक दवाइयां आगे चलकर काफी परेशानी उत्पन्न कर सकती है। वैसे भी एंटीबायोटिक दवाइयां का दुष्परिणाम किडनी सहित शरीर के अन्य हिस्सों पर भी पड़ता है।

शहर के प्रमुख अस्पतालों की स्थिति

अस्पताल बेड स्थिति

एमजीएम 560 बेड फुल

टीएमएच 914 बेड फुल

टाटा मोटर्स 402 सामान्य

ब्रह्मानंद 175 बेड फुल

मर्सी 380 सामान्य

मेडिका 110 बेड फुल

ठंड की वजह से मरीजों की संख्या बढ़ गई है। सर्दी-जुकाम व वायरल फीवर के मरीज अधिक आ रहे हैं। इसे देखते हुए इमरजेंसी विभाग में बेड भी बढ़ाया गया है।

- डॉ नकुल प्रसाद चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम।

Posted By: Inextlive