Meerut : मंगलवार को सीसीएसयू के बृहस्पति भवन में अमेरिकी आध्यात्म काउंसलर फिलिप गोल्डबर्ग ने कहा कि भारतीय वेदांत और योग अमेरिकी जीवन शैली को गहराई से प्रभावित कर रही है. अपनी पुस्तक अमेरिकन वेदा के प्रचार प्रसार के लिए आए योग शिक्षक ने कहा कि हर साल अमेरिका में बीस मिलियन लोग योगा की क्लास में जाते हैं. कार्यक्रम का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद और ज्ञान परिषद के मेरठ शाखा द्वारा किया गया.


प्रभावित कर रही है हिंदु संस्कृतिवेदांत और योग पर 19 पुस्तकें लिख चुके फिलिप गोल्डबर्ग ने कहा कि जब उन्होंने यह सुना कि भारतीय संस्कृति का पाश्चातीयकरण हो रहा है तो यह सुनकर वह चौंक गए। फिलिप ने कहा कि वह तो अमेरिका में यह सुनते आए थे हिंदू संस्कृति अमेरिकियों की मानसिकता को गहराई से प्रभावित कर रही है। 2009 में अमेरिका की प्रतिष्ठित पत्रिका न्यूज वीक में छपे वी आर ऑल हिंदुज नाउ लेख का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर समाज के बुजुर्ग इसको लेकर चिंतित हैं। जबरदस्त प्रभाव
उन्होंने कहा कि गत दो सौ वर्षों में अमेरिका में भारतीय इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और छात्रों के प्रवेश से हिंदू और बौद्ध संस्कृति का जबरदस्त प्रभाव पड़ा है। लोग अपनी दिनचर्या में ध्यान और योग को अपना रहे हैं। हिंदू आध्यात्म के सिद्धांत अमेरिकी स्वीकारने लगे हैं। इसमें बहुत बड़ा योगदान अमेरिका सहित विभिन्न देशों में वेदांत और योगा का प्रचार कर रहे संतों और योग गुरुओं का है। संचार क्रांति ने इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रतिक्रिया जानने आए


अमेरिका के वाशिंगटन पोस्ट अखबार में धार्मिक कालम लिखने वाले फिलिप ने बताया कि वह वेदों की रचना करने वाले देश भारत में अपनी पुस्तक अमेरिकन वेदा के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया जानने आए हैं। कार्यक्रम का आरंभ सरस्वती वंदना से हुआ। कुलपति वीसी गोयल, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद की सीमा गुप्ता, प्रो वाइस चांसलर जेके पुंडीर ने दीपप्रज्वलित किया। संचालन डॉ। एसएन गुप्ता ने किया। अनिल गुप्ता, डॉ। राकेश गुप्ता, डॉ। ओपी गुप्ता, अजय मित्तल, डॉ। योगेंद्र शास्त्री, केसी गुप्ता, संदीप पहल आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive