- रशियन जोड़े ने बनारस के चौसट्टी मंदिर में रचायी शादी, सात जन्मों तक साथ रहने का किया वादा

VARANASI

तीनों लोकों से न्यारी धर्म और संस्कृति की राजधानी काशी का देश वासियों के लिए विशेष महत्व है। खास यह कि वाराणसी की यह विशिष्टता विदेशियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर रही है। विभिन्न देशों से आने वाले पर्यटक अब यहां समृद्ध हिन्दू धर्म की विशिष्टता से प्रभावित हो कर आ रहे हैं। इसी खासियत से प्रभावित होकर एक रशियन जोड़े ने हिन्दू धार्मिक रीति रिवाजों को साक्ष्य मानते हुए विवाह सूत्र में बंधना स्वीकार किया।

सात जन्म साथ रहने का था वादा

चौसट्टी घाट स्थित चौसट्ठी माता मंदिर में एक रशियन जोड़े ने वैदिक हिंदू परंपराओं के साथ कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सात जन्मों तक साथ निभाने के वादे संग फेरे लिए। रूस के रहने वाले आंद्रे और एना दोनों को ही अपने देश में प्रेम हुआ। मगर दोनों ही हिंदू धर्म और परंपराओं से प्रभावित थे। लंबे प्रेम संबंधों के बाद दोनों ने वैदिक हिंदू रीति-रिवाजों के साथ ही विवाह बंधन में बंधने की कसम खायी तो इस शुभ काम में काशी के उनके मित्रों ने भी मदद की। उनका कहना था सात जन्मों तक साथ रहने की बात सिर्फ हिन्दू धर्म में ही है। हम दोनों सात जन्मों का साथ चाहते हैं इसलिए हमने हिन्दू धर्म से शादी करने का निर्णय ि1लया है।

भगवान शिव में है आस्था

आंद्रे को भगवान शिव में बहुत आस्था है। काशी में मित्रों के सहयोग से शुक्रवार की देर शाम देव दीपावली के आयोजन के बीच देवों का आह्वान कर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोनों का हिंदू रीति रिवाजों के साथ विवाह संपन्न हो गया। दोनों ने कहा कि यह उनके लिए एक अभूतपूर्व अनुभव था। एक अलग ही संतुष्टी का एहसास हो रहा है।

Posted By: Inextlive