अधिकारियों की मौन स्वीकृति बढ़ा रही हौसला। आरोपी सिपाहियों की मदद के लिये फेसबुक पर खुलेआम की जा रही आर्थिक मदद की अपील। सोशल मीडिया पर हथियार न लेने और किसी घटना में दखलंदाजी न करने की दे रहे सीख।

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LUCKNOW : वर्दी के नशे में चूर कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी द्वारा एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की सनसनीखेज ढंग से हत्या और उसके बाद प्रशांत व उसकी पत्नी राखी मलिक द्वारा गोमतीनगर थाने में हंगामे की घटना ने पुलिसकर्मियों के बेलगाम होने की पुष्टि कर दी है। इतना ही नहीं आरोपी सिपाहियों की खुलेआम मदद करने की अपील करते पुलिसकर्मियों के पोस्ट फेसबुक पर वायरल हो रहे हैं। वहीं, अब से किसी भी घटना में एक्शन न लेने की भी अपील की जा रही है। हालांकि, बावजूद इसके अधिकारियों का मौन इन सबको अपना समर्थन देता मालूम पड़ रहा है। वहीं, पुलिसकर्मियों के इस रवैये ने राजधानीवासियों में खौफ भर दिया है।
अधिकारियों को नहीं सूझ रहा जवाब
विवेक तिवारी की हत्या के बाद शनिवार दोपहर डीजीपी ओपी सिंह से लेकर एसएसपी कलानिधि नैथानी ने दावा किया था कि हत्याकांड में शामिल दोनों कॉन्सटेबल्स को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया है। सभी ने इसे सच मान लिया लेकिन, उनके दावे की कलई तब खुली जब आरोपी कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी व उसकी पत्नी राखी गोमती नगर थाने जा पहुंची और मृतक विवेक तिवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करने लगे। इस दौरान आरोपी प्रशांत व उसकी पत्नी ने काफी देर तक थाने में हंगामा किया लेकिन, वहां मौजूद अधिकारी व पुलिसकर्मी चुपचाप पूरा ड्रामा देखते रहे। मीडिया में इस मामले में फजीहत होती देख शनिवार देररात आरोपी प्रशांत व सह आरोपी कॉन्सटेबल संदीप को जेल भेज दिया गया। रविवार को कॉन्सटेबल राखी एक बार फिर से एफआईआर दर्ज कराने की मांग को लेकर एसएसपी आवास जा पहुंची। जहां मौजूद स्टाफ से उसकी नोकझोंक भी हुई। रविवार दोपहर जब इस मसले पर एडीजी जोन राजीव कृष्णा से सवाल हुए तो वे भी निरुत्तर हो गए। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि एसआईटी इसे भी अपनी जांच में शामिल करेगी। आरोपी की पत्नी जो अब भी थाना गोमतीनगर में तैनात है, उसके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी, इस पर भी उन्होंने चुप्पी साधे रखी।
फेसबुक पर मदद की अपील
विवेक तिवारी की हत्या के आरोपी कॉन्सटेबल प्रशांत चौधरी व संदीप के समर्थन में पुलिसकर्मी खुलेआम मैदान में कूद पड़े हैं। आलम यह है कि फेसबुक पर खुलेआम दोनों आरोपियों का अकाउंट नंबर शेयर करते हुए आर्थिक मदद की अपील की जा रही है। ऐसे ही एक पोस्ट में खुद को पुलिस कॉन्सटेबल बताने वाले रोहित पाल ने मीडिया पर भड़ास निकालते हुए लिखा कि इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और आरोपी प्रशांत के पक्ष को नहीं दिखाया गया। उसने प्रशांत की पत्नी का अकाउंट नंबर शेयर करते हुए सभी पुलिसकर्मियों से ज्यादा से ज्यादा रकम देने की अपील की। इतना ही नहीं, उसने पोस्ट में दोनों आरोपियों को पांच-पांच करोड़ रुपये दिलाने का दावा भी किया। कॉन्सटेबल रोहित पाल ने आगे लिखा कि असलहा उन लोगों को आखिर दिया ही क्यों गया, जब के आत्मरक्षा के लिये चला ही नहीं सकते। पुलिसकर्मियों के ऐसे ही ढेरों पोस्ट रविवार को फेसबुक पर वायरल होते रहे जिसमें अधिकारियों को चुनौती देने व मीडिया की लानत-मलानत करते हुए बातें कही गई हैं।
'सस्पेंड/लाइनहाजिर चलेगा, भाड़ में जाए जनता'
जहां एक तरफ आरोपी कॉन्सटेबल्स की मदद को लेकर सोशल मीडिया पर पुलिसकर्मी सक्रिय दिखे वहीं, अब भविष्य में किसी भी घटना में कोई कार्रवाई न करने के लिये भी आपस में अपील की जा रही हैं। कॉन्सटेबल्स के वॉट्सएॅप ग्रुप में जो मैसेज वायरल किये जा रहे हैं, उनमें से एक का मजमून कुछ इस तरह का है...सस्पेंड/लाइनहाजिर दोनों चलेगा, पर जेल जाना नहीं। परिवार को और बच्चों को परेशान और रोते हुए नहीं छोडऩा है। भाड़ में जाए जनता और समाज। अगर आपकी आंखों के सामने भी अपराध हो रहा हो तो वहां से दूर निकल लो। क्योंकि वहां न रहने से आप सिर्फ सस्पेंड/लाइनहाजिर होंगे पर जेल जाने से बच जायेंगे। आखिरी में इस मैसेज में लिखा है लूट होती है होने दो, डकैती पड़ती है पडऩे दो। हत्या हो जाती है तो होने दो, बलात्कार होता है तो होने दो, बच्चे रोने दो।
 
'पापा रुक जाएंगे, गोली मत मारियेगा'

गोमतीनगर जैसे पॉश इलाके में हुई इस सनसनीखेज घटना ने राजधानी वासियों में खौफ भर दिया है। रविवार को कुछ बच्चों ने अपने पापा की गाडिय़ों में पोस्टर लगा दिये, जो चर्चा का विषय बने रहे। बच्चों ने पोस्टर में लिखा कि 'पुलिस अंकल...आप गाड़ी रोकेंगे तो पापा रुक जाएंगे। प्लीज...गोली मत मारियेगा।' यह पोस्टर गोमतीनगर में विभिन्न गाडिय़ों में लगे देखे गए।

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Posted By: Mukul Kumar