-गुरुग्राम से बिहार जा रही एयरकंडीशंड स्लीपर बस बांगरमऊ के पास पलटी, 3 बच्चों समेत 5 की मौत, 30 से ज्यादा पैसेंजर्स घायल

- गंभीर रूप से घायलों को हैलट लाया गया, कई घायलों को लखनऊ ट्रॉमा सेंटर भेजा गया, 7 घायलों की हालत बनी हुई है नाजुक

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KANPUR: सैकड़ों लोगों के लिए मौत का एक्सप्रेस-वे साबित हो चुका आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे एक बार फिर बड़ा हादसा हो गया. सैटरडे तड़के गुरुग्राम से बिहार जा रही वॉल्वो बस बांगरमऊ के पास अनियंत्रित होकर पलट गई. हादसा तरबूज लदी ट्रैक्टर ट्रॉली के अचानक हाईवे पर आने से हुआ. हादसे में तीन बच्चों समेत 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि बस में सवार 30 से ज्यादा पैसेंजर्स घायल हो गए. घायलों में भी बड़ी संख्या में बच्चे हैं. इनमें से 7 की हालत नाजुक बनी हुई है. घायलों को इलाज के लिए बांगरमऊ सीएचसी और उन्नाव जिला अस्पताल लाया गया. जहां से 11 घायलों को हैलट इमरजेंसी और कई को लखनऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर भेजा गया.

बचने की कोशिश में हादसा

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस पर गुरुग्राम से चली एयर कंडीशंड स्लीपर बस( यूपी 83 बीटी 4106) बिहार की ओर जा रही थी. शनिवार तड़के बस बांगरमऊ के पास गंजमुरादाबाद क्षेत्र से गुजर रही थी. इसी दौरान तरजूब से लदी एक ट्रैक्टर ट्रॉली अचानक रोड पर आ गई. ट्रैक्टर ट्रॉली से बचने के प्रयास में बस डॅ्राइवर ने तेज रफ्तार में ही स्टीयरिंग घुमा दी. जिससे बस पहले ट्रॉली से टकराई उसके बाद हाईवे की रेलिंग से घिसटते हुए पलट गई. बस के एक तरफ के शीशे टूटने से पैसेंजर्स काफी दूर तक उछल कर गिरे तो कई बस में ही दब गए. घटना की जानकारी हाईवे पर काम कर रहे यूपीडा के कर्मचारियों को मिली तो फौरन उन्नाव के पुलिस प्रशासन को सूचना दी गई. आनन फानन में फोर्स मौके पर पहुंची और घायलों को निकाला गया. इस दौरान 3 बच्चों समेत 5 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. बांगरमऊ कोतवाली के एसओ अरविंद सिंह ने बताया कि बस में 80 के करीब पैसेंजर्स थे. हादसे में 30 से ज्यादा लोगों को चोट आई.

मृतकों के नाम

- मधुबनी के रंजीत यादवव(47)

- मधुबनी के विष्णु का बेटा मनीष (10)

- मधुबनी की नंदिनी(7)

- 15 और 7 साल के दो बच्चों की पहचान अभी नहीं

एलएलआर में ये हुए भर्ती-

श्रीकांत (40) निवासी देवरिया, सरस्वती(9) निवासी दरभंगा,परशुराम मंडलल(24) निवासी सुपौल,राज किशोर (35)निवासी सिवान,ऋषिा(6) पिता रामबाबू(35),मां शुभकला निवासी सिवान,अंजलिल(5) निवासी मधुबनी, अंकित (5) निवासी मधुबनी,चंद्रिका और उसकी मां सुनीता.

इलाज में आई मुश्किलें

हैलट इमरजेंसी में घायलों के आने की सूचना के बाद भी सर्जरी और आर्थो विभाग के यूनिट इंचार्ज इमरजेंसी नहीं पहुंचे. न्यूरो सर्जरी के डॉ.अमित गुप्ता इमरजेंसी आए और घायलों को देखा. वहीं इमरजेंसी में एक्सरे की सुविधा नहीं होने से कई घायलों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा. उन्हें एक्सरे कराने के लिए मेन बिल्डिंग ले जाना पड़ा. हैलट के कर्मचारी कुछ घायल बच्चों को गोद में ही उठा कर एक्सरे कराने ले गए. हालाकि बाद में एसआईसी प्रो.आरके मौर्या ने इमरजेंसी पहुंच घायलों के इलाज के इंतजामों को देखा.

Posted By: Manoj Khare