The Ministry of Defence MoD has ordered a Central Bureau of Investigation CBI probe into the allegations that kickbacks were paid to Indian middlemen in the Rs 3700-crore deal to buy 12 high-security VVIP helicopters from Anglo-Italian company AgustaWestland.


डिफेंस डील में स्कैम की फेहरिस्त में एक नया घोटाला जुड़ गया है. प्रेसिडेंट, प्राइम मिनिस्टर समेत देश के वीवीआईपी लोगों के लिए इटली से खरीदे गए वीवीआइपी हेलीकॉप्टरों की डील में रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है. आरोप है कि करीब 3600 करोड़ रुपये के सौदे को हथियाने के लिए इंडिया में साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत बांटी गई. इन आरोपों में इटली की फिनमैकेनिका कंपनी के सीईओ को मंगलवार को रोम में अरेस्ट किया गया है. मुश्िकल में यूपीए गवर्नमेंटपार्लियामेंट सेशन से पहले उजागर हुए इस मामले ने गवर्नमेंट की परेशानी खासी बढ़ा दी है. इसके बाद अपोजिशन पार्टी बीजेपी के आक्रामक तेवरों से घबराई गवर्नमेंट ने तुरंत मामले की सीबीआइ जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही फिलहाल इन हेलीकॉप्टरों की अगली खेप भी न लेने का मन बना लिया है. इटली ने नहीं दी जानकारी
डिफेंस मिनिस्ट्री के प्रवक्ता सितांशु कार के मुताबिक इस सौदे की जांच में प्राप्त जानकारियों को लेकर बार-बार आग्रह के बावजूद इटली और ब्रिटेन गवर्नमेंट की ओर से नई दिल्ली को कोई जानकारी नहीं दी गई है. लिहाजा डिफेंस मिनिस्टर एके एंटनी ने इसकी जांच सीबीआइ को देने का डिसीजन किया है. इंडिया ने 2010 में फिनमैकेनिका की सहयोगी अगस्ता-वेस्टलैंड (यूके) के साथ 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद का सौदा किया था. इस सौदे में गड़बड़ी की जांच कर रही इतालवी एजेंसियों ने मंगलवार को फिनमैकेनिका एयरोस्पेस डिफेंस के सीईओ गियुसिपी ओरसी को रोम में अरेस्ट किया है. साथ ही अगस्ता-वेस्टलैंड के प्रमुख ब्रूनो स्पैग्नोलिनी को नजरबंद करने के भी आदेश हुए हैं.

Posted By: Garima Shukla