-ठेकेदार ने नहीं दिया रेलवे को शुल्क तो रेलवे ने डाल दिया ताला

-नल से पानी भरने के लिए पैसेंजर्स को करनी पड़ती है मशक्कत

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8-वाटर वेंडिंग मशीनें हैं जंक्शन पर

3-वर्ष पहले लगाई गई थी

6-माह भी ठीक से नहीं चली मशीनें

क्चन्क्त्रश्वढ्ढरुरुङ्घ :

रेलवे की तरफ पैसेंजर्स की सुविधाओं के लिए इंतजाम हजार किए गए हैं, लेकिन वह सिर्फ नाम के हैं। बरेली जंक्शन पर पैसेंजर को शुद्ध और सस्ता पानी मुहैया कराने के लिए आठ वाटर वेंडिंग मशीनें लगवाई थीं, लेकिन रेलवे ने इन मशीनों पर सिर्फ इसलिए ताला लगा दिया। क्योंकि जिन ठेकेदारों को इनके संचालन की जिम्मेदारी दी गई थे। उन्होंने रेलवे को किराया नहीं दिया। इसके बाद रेलवे अफसरों ने इन वाटर वेंडिंग बूथ को संचालित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। इसके चलते पैसेंजर्स को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही पैसेंजर्स की भीड़ पानी लेने के लिए उतर पड़ती है। कई बार ट्रेन मूव कर जाती है और पानी लेने उतरे कई पैसेंजर्स चलती ट्रेन में चढ़ने के दौरान गिरकर घायल हो चुके हैं और कुछ की मौत भी हो चुकी है। इसके बाद भी रेलवे अफसर इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

सस्ता पानी बना ख्वाब

आईआरसीटीसी जंक्शन पर शुद्ध और सस्ता पानी उपलब्ध कराने का काम ठेकेदार को दिया। उसके बदले में ठेकेदार रेलवे को शुल्क जमा करता था, लेकिन ठेकेदार ने मात्र दो-तीन माह ही मशीनों को चलाया उसके बाद शुल्क जमा नहीं किया। जिससे रेलवे ने मशीनों को बंद करा दिया। इसके बाद ठेकेदार ने दोबारा शुल्क जमा किया और मशीनों को चलाया, लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से बंद कर दी। उसके बाद से आज तक सभी मशीनें बंद पड़ी हैं।

ये है रेट लिस्ट

विद आउट कंटेनर

300 एमएल पानी 1 रुपए

आधा लीटर पानी 3 रुपए

1 लीटर पानी 5 रुपए

5 लीटर पानी 20 रुपए

विद कंटेनर पानी के रेट

300 एमएल पानी 2 रुपए

आधा लीटर पानी 5 रुपए

1 लीटर पानी 12 रुपए

5 लीटर पानी 25 रुपए

नॉन ब्रांडेड पानी बेचने वालों की भरमार

रेलवे जंक्शन पर नॉन ब्रांडेड पानी बेचने वालों की भी भरमार है। पिछले दिनों मजिस्ट्रेट चेकिंग के दौरान दो वेंडर पकड़े गए थे। जिनके पास 30 बोतल नॉन ब्रांडेड पानी मिला था।

वाटर वेंडिंग मशीन बनी डस्टबिन

लम्बे समय से जंक्शन पर लगी वाटर वेंडिंग मशीने बंद पड़ी हैं। जिससे लोगों ने अब उन्हें डस्टबिन बना दिया है। कई मशीनों में लोगों ने चाय पीने के बाद गिलास और तम्बाकू खाने के बाद रैपर को उसी में डालना शुरू कर दिया है।

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वाटर वेंडिंग मशीन का ठेका निजी ठेकेदार को दिया गया है। ठेकेदार रेलवे को शुल्क देता था लेकिन जब उसने कई माह शुल्क नहीं दिया तो वाटर वेंडिंग मशीनें रेलवे ने बंद करा दी हैं।

राजीव श्रीवास्तव, चीफ निरीक्षक

Posted By: Inextlive