Agra. खुसरो रैन सुहाग जो जागी प्रिय के संग. तन मोरा मन मोरा प्रीतम का जो दोनों एक ही रंग... अमीर खुसरो का यह कलाम ज्यों ही मंच से वडाली बंधुओं ने अपने चिर-परिचित अंदाज में सूफी गायन की परफॉर्मेंस दी. उपस्थित ऑडियंस ने तालियां के थ्रू मुक्ताकाशीय मंच के माहौल को सुफियाना सपोर्ट दिया. इससे पहले शास्त्रीय गायन विधा के आर्टिस्ट संजीव अभयंकर ने अपनी परफोर्मेंस से शमां बांधा. जिसको ऑडियंस ने जमकर सराहा.


जलसा ताज महोत्सव का ताज महोत्सव के तीसरे दिन आयडिया की ओर से जलसा सोल कंसर्ट ऑर्गनाइज किया गया था। जिसके अंतर्गत ऑडियंस ने सूफी गायन के लिए दुनियाभर में अपना खास पहचान के लिए फेमस पूरन चन्द वडाली और प्यारेलाल वडाली की परफॉर्मेंस देखी। सुर की शाम सजी तो कद्रदानों की भी संख्या घड़ी की सुई के आगे बढऩे के साथ ही बढ़ती चली गयी। मंच पर शास्त्रीय गायन के लिए पहचाने जाने वाले संजीव अभयंकर आए तो लोग उनको सुनने के लिए धीरे-धीरे जुटने लगे। अभयंकर ने जब भजो रे मन राम नाम सुखदायी, राम नाम भजले मूरख, सुनाया तो लोग भक्ति रस में सराबोर हो गए.  वडाली बंधु के मुक्ताकाशीय मंच में आते-आते यहां गेदरिंग भी ठीक-ठाक हो गई। आज की बात फिर नहीं,


ताज सिटी के लिए वडाली बंधु नए नहीं थे। इन फनकारों के दीवानों की इस प्रेम की नगरी में कोई कमी नहीं है। यही  वजह रही कि जब रात ठीक 9.20 बजे वडाली बंधु मंच पर आए तो आगराइट्स ने उनका तालियां बजाकर जोशीला वेलकम किया। इनके आने से पहले ही उनकी टीम ने अपनी लयबद्ध करतल ध्वनि से सभी का ध्यान मंच को ओर अट्रैक्ट कर लिया था। दस मिनट सुरताल सजाने के बाद ठीक साढ़े नौ बजे वडाली बंधु ने अपनी पहली परमफॉर्मेंस आज की बात फिर नहीं होगी, ये मुलाकात फिर नहीं होगी। ऐसे बादल तो फिर भी आएंगे, ऐसी बरसात फिर नहीं होगी, सुनाया तो ऑडियंस ने जमकर तालियां बजाकर उनका वेलकम किया। तुझे तक्या तो। सूफी गायन को अपने अनोखे अंदाज में मंच पर परफॉर्म करने वाले वडाली बंधु ने भक्ति भाव से जब तुझे तक्या तो लगा मुझे ऐसे कि जैसे मेरी ईद हो गई., मंच से धार्मिक भाईचारे का मैसेज देते हुए वडाली बंधु ने सुनाया कि हम क्या बनाने आए थे और क्या बना बैठे, हम से अच्छी तो जात परिंदों की, कभी मस्जिद पे तो कभी मंदिर पर जा बैठे, सुनाया तो ऑडियंस जात-पात भूल कर करतल ध्वनि से मंच का सपोर्ट करती दिखे। तेरे इश्क ओ तेरे इश्क।

वडाली बंधु ने लैला-मजनू की कहानी सुनाते हुए इश्क की सच्ची परिभाषा प्रस्तुत की। उन्होंने तेरे इश्क ओर तेरे इश्क तेरे इश्क ने नचाया, परफॉर्म किया तो जैसे इश्क के समुन्द्र में ऑडियंस ने जमकर गोते लगाए., वडाली बंधु ने अमीर खुसरो के कलाम परफॉर्म कर जमकर तालियां बटोरी। उन्होंंने खुसरो दरिया प्रेम का, जो उल्टी बाकी धार, जो ऊबरा सो डूब गया, जो डूब गया सो पार, खुसरो बाजी प्रेम की खेलूं प्रिय के संग, जीत गए तो पीया मोरे, हारी तो प्रिय के संग., सुरों की शाम का आलम यह था कि एक बार जो यह शास्त्रीय गायन के साथ शुरू हुई तो देर रात तक वडाली बंधु भक्ति भाव और भाईचारे का मैसेज बांटते रहे.  जलसा सोल कंसर्ट की अध्यक्षता आयकर आयुक्त सुभाष मेहरा ने की। डीएम जुबेर बिन सगीर, एडीएम सिटी अरुण प्रकाश, एडीएम एफआर सीपी सिंह, एडीएम सिविल सप्लाई कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। चुस्ती भी और सुस्ती ताज महोत्सव की शाम सजने जा रही थी। तभी टीवी चैनल हैदराबाद में ब्लास्ट की खबरें देने लगे। इसे सुनकर एडमिनिस्ट्रेशन के तमाम आला अधिकारी महोत्सव में पहुंच गए। इधर-उधर देखा-दाखी की और आगे बढ़ गए। आला अधिकारियों की चुस्ती के कुछ देर बाद ही सुस्ती का नजारा भी दिखा। चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के डायरेक्शंस देने वाले ऑफिसर्स जैसे ही हट गए, पुलिसकर्मी पुराने ढर्रे पर लौट आए। जम गए कुर्सियों पर। फिर किसी को किसी की चिंता नहीं थी। सबकुछ राम भरोसे ही चलता रहा।

Posted By: Inextlive