बरसों से था इस पल का इन्तजार
6 फरवरी से हुआ लव स्टोरी नम्रता बताती हैं कि उनकी लव स्टोरी में काफी ट्विस्ट है। अपने हसबैंड से मुलाकात को वह जिंदगी भर नहीं भुला सकती, क्योंकि मुलाकात ही कुछ अलग ढंग से हुई थी। उन्होंने बताया कि फस्र्ट टाइम वह मेरे इंस्टीट्यूट पर आए। कैड कोर्स में पढ़ाई के लिए बैच टाइम पूछे। उसके बाद क्लास टाइम भी पूछा। एडमिशन के बाद मैने कुछ दिन तक उन्हें पढ़ाया भी। लेकिन 6 फरवरी 2013 को हमारी लव स्टोरी स्टार्ट हुई। उसके कुछ ही दिन बाद दोनों ने एक दूसरे को प्रपोज किया।प्यार के आगे झुके घरवाले
उन्होंने बताया कि हमारी शादी 10 अगस्त 2013 को हुई। हालांकि पहले घरवालों ने शादी से मना कर दिया, लेकिन कहते हंै न मियां बीबी राजी तो क्या करेगा काजी। हमारे प्यार के आगे फ्रेंड्स और घरवाले भी झुक गए। हमने पहले मंदिर में शादी की फिर कोर्ट मैरेज किया। ससुराल में नहीं होता करवाचौथ
नम्रता को आज के दिन का वर्षों से इंतजार था। वे बताती हैं कि वैसे तो ससुराल में करवाचौथ का व्रत नहीं रखा जाता है, लेकिन मेरी बचपन से ही इच्छा थी कि मैं अपनी शादी के बाद करवा व्रत रखूं। इसलिए मैंने बिना किसी से पूछे ही अपने प्यार के लिए यह व्रत उठाया है। हालांकि इसके लिए घर में कुछ लोगों ने मना भी किया था।