Allahabad: वैसे तो इनकी पहचान प्रतियोगी छात्र की है. लेकिन पुलिस से सीधे पंगा लेकर ये अपराधी बन गए हैं. पुलिस ने न सिर्फ इन्हें वांटेड घोषित किया है बल्कि पांच हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया है...


उपद्रवियों का पता बताने वाले को पुलिस देगी इनाम


ये जुटे तो थे प्रतियोगी छात्र होने के नाम पर। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के यूनियन भवन पर इनका जमावड़ा लोक सेवा आयोग के खिलाफ था। ये सभी लोक सेवा आयोग द्वारा हाल फिलहाल के दिनों में की गई भर्तियों की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर शांति मार्च निकालने की तैयारी में थे। तेवर नो डाउब्ट इनका भी गरम था। इसे हवा देने वाले भी सक्रिय थे लेकिन पुलिस का उन्हें रोकने का जो अंदाज था, उसने आग में घी का काम किया। नतीजा कभी प्रतियोगी छात्र और छात्र पिटे तो कभी पुलिस वाले। इसी भीड़ में शामिल कुछ लोगों द्वारा सीओ की जीप को आग के हवाले कर देना उनके लिए बड़ा गुनाह बन गया है। ये अब वांटेड क्रिमिनल बन गए हैं। इनकी तस्वीरों का पुलिस ने पोस्टर बनवाकर जारी कर दिया है और सुराग बताने वाले को पांच हजार रुपए का नकद इनाम देने की घोषणा की है। यानी नौकरी मिले न मिले, इस अपराध के चक्कर में उनकी नौकरी न मिलना लगभग पक्का हो गया है।सभी डिग्री कॉलेजों में लगेगा पोस्टर

वेडनेसडे को प्रेस कांफ्रेस के जरिए एसपी क्राइम अरुण कुमार पाण्डेय मीडिया से मुखातिब हुए। पूरी कांफ्रेंस ही दो जनवरी को यूनियन हाल के पास हुई घटना पर केन्द्रित थी। उन्होंने मीडियावालों को एक पोस्टर सौंपा। इसमें करीब एक दर्जन ऐसे लोग हैं जिनके हाथ में लाठी-डंडा या ईंट पत्थर है। ऐसे लोगों को भीड़ में गोला करके हाइलाइट करने की कोशिश की गई है। एसपी क्राइम ने बताया कि हम उन उपद्रवियों तक पहुंचना चाहते हैं जिन्होंने सीओ की जीप को आग के हवाले किया था। यह तस्वीरें विभिन्न कैमरों से ली गई हैं। उन्होंने बताया कि इसमें से किसी के भी बारे में जानकारी देने वाले को पांच हजार रुपए इनाम के तौर पर दिए जाएंगे साथ ही उनकी पहचान भी गोपनीय रखी जाएगी। पुलिस ऑफिसर्स ने बताया कि ये पोस्टर सभी डिग्री कालेजेज और हॉस्टल के साथ ही रोड पर व इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में लगाए जाएंगे ताकि छात्र के वेश में उपद्रव करने वालों की पहचान की जा सके। University administration से मांगी मदद

पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान के लिए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से भी मदद मांगी है। एसपी क्राइम ने बताया कि उन्होंने अपने ऑफिसर्स के साथ मिलकर एयू एडमिनिस्ट्रेशन के साथ मीटिंग की और वांछित उपद्रवियों की फोटो दिखाकर शिनाख्त कराने में मदद करने का आग्रह किया। उनके मुताबिक यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने भी इस काम में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। एसपी क्राइम ने कहा कि पुलिस डिपार्टमेंट की ओर से ऐसा कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। घर पर भी भेजी जाएगी सूचनापुलिस ने बताया कि घटना में शामिल होने वाले सभी आरोपी स्टूडेंट्स के घर भी पुलिस इसकी जानकारी भेजेगी। इसके साथ ही उनके लोकल थाने में भी इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए भी निर्देश दिए जा रहे है। घर पर सूचना देने के पीछे सबसे बड़ा मकसद यह है कि ऐसे युवकों की फैमिली को भी जानकारी हो कि, उनके बच्चे किस तरह की गतिविधियों में लिप्त हैं। ये था पूरा मामला
लोक सेवा आयोग द्वारा जारी लोअर सबार्डिनेट परीक्षा 2008 के रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाते हुए उसकी जांच कराने की मांग को लेकर दो जनवरी को प्रतियोगी छात्रों ने शांति मार्च निकालने का आह्वान किया था। शांति मार्च की शुरुआत के लिए यूनिवर्सिटी के यूनियन भवन का चयन किया गया था। तय समय पर स्टूडेंट्स व प्रतियोगियों की भारी भीड़ जमा हो गई। इनके रास्ते में बवाल करने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने शांति मार्च निकालने से रोक दिया। इसे लेकर प्रतियोगी छात्रों व पुलिस के बीच विवाद शुरू हो गया। इसके बाद जमकर उपद्रव हुआ। दोनों पक्षों की ओर से पत्थर चले। पुलिस ने हवाई फायरिंग और लाठीचार्ज करके स्थिति पर काबू पाने का प्रयास किया। फाइनली करीब दो दर्जन छात्रों की गिरफ्तारी के बाद मामला शांत हुआ। छात्रों के खिलाफ दर्ज हुए थे मुकदमेएसएसपी के खुद बीच बचाव के लिए सामने आने के बाद घटना में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने अपनी गिरफ्तारी दी थी। पुलिस ने उन्हें शांति भंग के अंदेशे में चालान किया था लेकिन बाद में इनके खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इसके चलते गिरफ्तारी देने वालों को कई दिन जेल में रहना पड़ गया। बाद में दबाव बनने पर पुलिस ने संगीन धाराएं हटाईं तब जाकर जेल गए छात्रों को जमानत मिली और वे जेल से बाहर आए।प्रतियोगी छात्रों की प्रमुख मांगें-लोक सेवा आयोग से पदों की बिक्री बंद की जाए-एक वर्षों के भीतर आयोग द्वारा जारी सभी परिणामों की सीबीआई जांच कराई जाय-लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सचिव पद पर सिर्फ आईएएस की नियुक्ति की जाए-वर्तमान अध्यक्ष एवं सचिव को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाय
-लोअर पीसीएस-2008, बैकलॉग, लोवर पीसीएस-2008 सामान्य चयन तथा पीसीएस-2011 के मुख्य परीक्षा की कापियों का पुनर्मूल्यांकन कराया जाय-आयोग द्वारा चेक कराई गई कापियों में से सफल तथा असफल छात्रों की पांच सौ कापियों की तुलनात्मक जांच की जाय-डिग्री कॉलेज के अध्यापकों द्वारा किसी भी स्थिति में कापियों का मूल्यांकन न कराया जाय-पीसीएस तथा लोअर पीसीएस परीक्षाओं के कापियों का मूल्यांकन पिछले पांच वर्षों में सफल पीसीएस अधिकारियों से कराई जाय। -इसके लिए दो माह अनिवार्य घोषित किया जाए

Posted By: Inextlive