GORAKHPUR : मुंबई से बनाए जाने वाले तत्काल टिकटों के खेल की जांच में आरपीएफ ने मेन सरगना सुभाष और गोविंद सिंह समेत इनके पूरे गैंग का भंडाफोड़ किया है. मामले की जांच कंप्लीट करते हुए आरपीएफ ने फरार तत्काल टिकट दलालों के खिलाफ कुल 1101 पन्नों की चार्जशीट रेलवे मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल किया है.


2010 से 30 जून के बीच 35 लाख रुपए किए जमा चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर के निर्देशन में जांच कर रहे आरपीएफ इंस्पेक्टर को पकड़े गए दलालों से पूछताछ में कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। जांच में सामने आया कि मुंबई में बैठा मेन सरगना सुभाष चंद जैसवार और गोविंद सिंह के एकाउंट में 2010 से 30 जून 2013 तक कुल 35 लाख रुपए जमा किए गए। यह रुपए यूपी के नौगढ़, बस्ती, जौनपुर और आजमगढ़ जिले के  दलालों द्वारा जमा किए गए थे। इसके अलावा जांच में यह भी मालूम हुआ कि 19 लाख रुपए सिर्फ मुन्ना व उसके साथी द्वारा जमा किया गया।11 लोगों को बनाया गया मुल्जिम


आरपीएफ इंस्पेक्टर राजेश कुमार के मुताबिक, तत्काल टिकट के महाखेल में मेन सरगना सुभाष समेत कुल 11 लोग शामिल हैं। इस खेल में शामिल दलाल मो। वकील, अब्दुल कादिर, फिरोज अहमद, मुन्ना, बाबू रवि कुमार, मो। शकील बस्ती के रहने वाले हैं। वहीं सुभाष चंद जैसवार, गोविंद सिंह, मो। ए। खान, अजमल अली, अजय शर्मा और मुख्तार खान मुंबई में रहते हैं। आरपीएफ ने 1101 पन्नों की दाखिल की चार्जशीट

असिस्टेंट सिक्योरिटी कमिश्नर अनिरुद्ध चौधरी ने बताया कि चूंकि इस मामले में जांच टीम बनाई गई थी। इंस्पेक्टर राजेश कुमार को जांच में पता चला कि मेन सरगना गोविंद सिंह और सुभाष मुंबई एसबीआई बैंक से रुपए निकालते थे। यह वह रुपए होते थे जो इस्ट यूपी के दलालों द्वारा भेजे जाते थे। जून और जुलाई माह में पकड़े गए दलालो के अलावा कई और मुल्जिम बनाए गए हैं। मामले की जांच कंप्लीट करने के बाद आरपीएफ ने 1101 पन्ने की चार्जशीट दाखिल की है। 1101 पन्नों की चार्जशीट इंस्पेक्टर राजेश कुमार ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दाखिल कर दिया है। इस मामले में रेलवे न्यायालय के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.सारिका मोहन, सीनियर कमांडेंट, एनई रेलवे लखनऊ डिवीजन

Posted By: Inextlive