नगर आयुक्त ने माना 600 मिट्रीक टन कूड़ा निस्तारण की राह आसान नहीं

मैजिक बॉक्स हुआ फेल, कूड़े से ईट बनाने का प्लैन भी बेकार

एटूजेड की असफलता से नये प्रोजेक्ट से लगता है डर, कई प्रोजेक्ट पर नगर निगम कर रहा है सोच-विचार

VARANASI

शहर की सबसे बड़ी समस्या को दूर कर पाने में नगर निगम सक्षम नहीं दिख रहा है। नगर आयुक्त श्रीहरि प्रताप शाही खुद भी इस बात को मानते हैं कि नगर निगम कितने भी प्लान ले आये लेकिन कूड़ा निस्तारण की जो समस्या हमारे सामने है उसको दूर कर पाना आसान नहीं है। कारण है इच्छा शक्ति की। क्योंकि कोई भी योजना तभी सफल होती है जब उसे लागू करने वाली संस्था और जिसके लिए योजना तैयार की गयी है उनके बीच पूरा सामंजस्य हो। लेकिन नगर निगम को जन सहभागिता नहीं मिल रही है।

नगर निगम नहीं कर पा रहा भरोसा

सिटी से रोजाना म्00 मिट्रीक टन निकलने वाले वेस्ट के लिए नगर निगम लगातार किसी न किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। लेकिन ये सारी योजनाएं मूर्त रूप नहीं ले पा रही हैं। इससे पहले कूड़ा निस्तारण के लिए एटूजेड कंपनी लायी गयी थी। लेकिन पूरा प्रोजेक्ट फेल हो गया और करोड़ों रुपये फंस गये। एटूजेड के फेल होने के कारण नगर निगम भी खुद नये प्रोजेक्ट पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर पा रहा है।

लगातार बन रहा है प्लैन

कूड़ा निस्तारण के लिए नगर निगम कई प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसमें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, डोर टू डोर कूड़ा उठाना, मैजिक बॉक्स, आईओसी की ओर रमना में वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, झांसी और सहारनपुर में वेस्ट मैनेजमेंट के लिए काम कर रही संस्थाओं के प्रोजेक्ट समेत कई योजनाएं कतार में हैं। लेकिन नगर आयुक्त खुद इस बात को पुख्ता नहीं कर पा रहे है कि किस प्रोजेक्ट को पूरे शहर में लागू किया जा सकता है जिसका परिणाम सार्थक मिल सके। इसके लिए लगातार विशेषज्ञों की राय भी ली जा रही है।

दो प्लान हो गये फेल

कूड़ा निस्तारण के लिए ट्रायल के तौर पर लाया गया दो प्लान बेकार साबित हुआ। भाभा रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक का इजाद किया हुआ मैजिक बॉक्स जिससे घरों में ही कूड़ा से खाद बना कर निस्तारण का दावा किया गया था। लेकिन इसमें संभावित सफलता नहीं मिली। वहीं दशाश्वमेध के कूड़ा घर में मिनी प्लांट जिसमें मशीन में कूड़े से ही ईंट बनाया जाना है। इसका भी हाल वहीं है। नगर आयुक्त इसका निरीक्षण करने के बाद ही इसकी सफलता पर सवाल उठाये थे।

Posted By: Inextlive