- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू कराने के नगर आयुक्त के फैसले से खफा हुए पार्षद

- मेयर को सौंपा पत्र, बोले नगर आयुक्त कर रहे बोर्ड के आदेश की अवहेलना

2012 में शुरू हुआ था प्लांट

48 लाख रुपए हुए थे खर्च

13.86 करोड़ केंद्र सरकार से मिले

2014 से बंद पड़ा है प्लांट

बरेली : पोर्टेबल दुकानों की रार अभी खत्म नहीं हुई है और अब पांच साल से बंद पड़े सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को फिर शुरू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के नगर आयुक्त के फरमान को लेकर नगर निगम में घमासान मच गया है. 10 फरवरी को नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन ने रजऊ परसपुर स्थित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू कराने का आदेश दिया था. जिसके बाद से ही बोर्ड के सदस्यों में खलबली मच गई थी. मेयर डॉ. उमेश गौतम ने भी इस आदेश पर नाराजगी जताई थी. ट्यूजडे को पार्षदों ने नगर विकास मंत्री व प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन मेयर को सौंपकर नगर आयुक्त के आदेश को बोर्ड की अवहेलना करना बताया. मेयर ने उनकी मांग को शासन तक पहुंचाने का अश्वासन दिया.

कब लगा था प्लांट

शहर के निकले रहे कूड़े के निस्तारण के लिए वर्ष 2012 में रजऊ परसपुर में प्लांट की स्थापना की गई थी. इस पर 48 करोड़ रुपये से अधिक का बजट खर्च किया गया था. इसके लिए केंद्र सरकार ने भी 2005 में 13.86 करोड़ रुपये मंजूर किए थे. निर्माण जल निगम की कार्यदायी संस्था सी एंड डीएस ने किया था. फिर एकेसी डेवलपर्स ने करीब 35 करोड़ रूपये में प्लांट में मशीने लगाई थीं.

क्या है पूरा मामला

प्लांट शुरू होने के बाद ही विवादों में फंस गया. जुलाई 2013 में एनजीटी ने आपत्तियां लगाकर इसे बंद करने के आदेश दिए. एनजीटी के आदेश को निगम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. सितंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर स्टे मिल गया. इसके बाद एनजीटी ने ग्रीन बेल्ट, नाला निर्माण और लीचेड ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के बाद ही प्लांट चलाने को कहा था. ग्रीन बेल्ट व नाला तो निगम ने बनवा लिया. लीचेड प्लांट के लिए शासन से रकम मांगी, लेकिन बजट नहीं मिला, तो मार्च 2014 में प्लांट पूरी तरह से बंद हो गया.

पूर्व मेयर ने वापस ली याचिका

साल भर पहले तत्कालीन नगर आयुक्त राजेश श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर प्लांट चलाने को लेकर याचिका को वापस लेने की मांग की थी. इसके खिलाफ पूर्व मेयर डॉ. आईएस तोमर सुप्रीम कोर्ट गए. उन्होने बिना बोर्ड की मंजूरी गलत शपथ पत्र देने का आरोप लगाया और प्राथमिकता के आधार पर मुकदमे की सुनवाई की मांग की थी. इसके बाद बोर्ड बैठक में रजऊ परसपुर का प्लांट को शुरू करने की बजाए किसी दूसरी जगह प्लांट लगाने का प्रस्ताव पास हो गया था.

सुप्रीम कोर्ट में पैरवी का आदेश

नगर आयुक्त सैमुअल पॉल एन ने हाल ही में मामले में फिर सुप्रीम कोर्ट में पैरवी का आदेश दिया था. जिसके बाद ही प्लांट शुरू कराने के लिए कार्य योजना बनी. लेकिन अब पार्षदों के हस्तक्षेप के चलते रजऊ परसपुर में बने प्लांट पर सियासी जुगत शुरू हो गई है.

मनमानी नहीं होने दी जाएगी

पार्षदों ने मेयर को पत्र देकर मांग की है कि अगर प्लांट को शुरू करना है तो पहले बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को रखना चाहिए. सर्व सम्मति से ही कोई फैसला लेना चाहिए, इस प्रकार की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इस दौरान अवनेश कुमार, रूप किशोर आदि पार्षद मौजूद रहे.

मेयर ने साधी चुप्पी

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट फिर शुरू करने के मामले में मेयर डॉ. उमेश गौतम ने चुप्पी साध ली है. इस मामले में उनसे बात करने प्रयास किया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से साफ इनकार कर दिया.

रजऊ प्लांट को चलाने का कोई आदेश नहीं दिया गया. हम लोग एनजीटी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करेंगे. इसके बाद जो भी कोर्ट का आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा. पार्षदों का पत्र अभी मिला नहीं है. इसकी पड़ताल करने के बाद ही कोई जबाव दिया जाएगा.

सैमुअल पॉल एन, नगर आयुक्त.

Posted By: Radhika Lala