ट्रंचिंग ग्राउंड से जुडे़ सभी पक्षों को तेलंगाना लेकर जाकर शासन दिखाएगा मॉडल स्थिति।

-शीशमबाड़ा में प्रस्तावित ट्रैंचिंग ग्राउंड की राह में रोड़ा बन रहा है जनांदोलन।

-बीजेपी के क्षेत्रीय विधायक और मेयर खडे़ हैं इस मसले पर आमने-सामने

DEHRADUN: शीशमबाड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड मसले का रास्ता अब वाया हैदराबाद निकालने की तैयारी है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के हैदराबाद में मौजूद बेहतरीन उदाहरण से शासन सभी पक्षों को अवगत कराने जा रही है। शीशमबाड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड से जुडे़ सभी पक्षों को अब हैदराबाद की सैर कराने का निर्णय लिया गया है, ताकि वे देखें कि ट्रंचिंग ग्राउंड का मतलब किसी क्षेत्र विशेष के लिए आफत ही नहीं होता।

पक्ष-विपक्ष में छिड़ी है लड़ाई

-सहस्त्रधारा रोड से ट्रंचिंग ग्राउंड को शीशमबाड़ा शिफ्ट होना है, लेकिन इसके वहां पर निर्माण को लेकर पक्ष-विपक्ष में लड़ाई छिड़ी है। दिलचस्प बात ये है कि पूरे मामले में बीजेपी ही आपस में लड़ाई करती दिख रही है। एक तरफ, बीजेपी शासित नगर निगम बोर्ड है, जो मेयर विनोद चमोली की अगुवाई में ट्रंचिंग ग्राउंड के निर्माण के लिए प्रयासरत है, वहीं दूसरी तरफ, क्षेत्रीय बीजेपी विधायक सहदेव पुंडीर हैं, जो कि इलाके के लोगों को लेकर विरोध में आंदोलित हैं।

हल निकालने को शासन हुआ सक्रिय

-मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मेयर विनोद चमोली और विधायक सहदेव पुंडीर समेत क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की। इस मौके पर बताया गया कि शीशमबाड़ा में ट्रंचिंग ग्राउंड से पर्यावरणीय और किसी अन्य तरह का नुकसान नहीं होगा। हैदराबाद टूर की बात भी बैठक में तय हुई।

शीशमबाड़ा ट्रंचिंग ग्राउंड के पक्ष में तर्क

-शासन ने तर्क दिए हैं कि यह ट्रंचिंग ग्राउंड वेस्ट टू बाय प्रोडक्ट के तहत बनाया जा रहा है, जिसमें बीस मीटर का बफर जोन है। प्लांट का पानी परिसर में विकसित ग्रीन बेल्ट में सिंचाई के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। इससे आसन नदी की पवित्रता पर कोई असर नहीं पडे़गा। प्लांट नदी से फ्00 मीटर दूर है। जिस जमीन पर बनाया जा रहा है, उसे ख्00म् में बंजर भूमि घोषित किया गया था।

हैदराबाद ट्रंचिंग ग्राउंड की खासियत

-देश में जिन चुनिंदा जगहों पर हाई टेक्निकल तरीके से ट्रंचिंग ग्राउंड बनाया गया है, उसमें हैदराबाद का नाम प्रमुखता से शामिल है। इसकी खासियत ये है कि ओवरऑल मास्टरप्लानिंग के तहत ये बना है। ट्रांसपोर्टेशन प्लानिंग एंड व्हीकिल ट्रैकिंग सिस्टम के अलावा साइट सलेक्शन फॉर डिस्पोजल फैसिलिटी है। हाइड्रो जियोलॉजिकल स्टडीज पर यह पूरी तरह से आधारित है।

Posted By: Inextlive