सामने आयीं पर्ल हार्बर अटैक में डूबे अमेरिकी नेवी के जहाजों की पहली तस्वीरें
24 साल चला अभियान
पर्ल हार्बर में डूबे अमेरिकी युद्धक नेवी विमानों को तलाशने और उसकी तस्वीरें इकठ्ठी करने का अभियान 1984 में प्रारम्भ हुआ था और 2008 तक चला। इस दौरान इसके बारे में छोटी से छोटी जानकारी इकठ्ठी की गयी। अब पहली बार उसकी तस्वीरें जारी की गयी हैं। इस पूरे सर्वे के दौरान हालाकि ये स्पष्ट नहीं हुआ कि दरसल इन विमानों के साथ क्या हुआ था, परंतु ये अनुमान लगाया जा रहा है कि शायद विमान टेक ऑफ की तैयारी कर रहे थे जब वो हमले का शिकार होकर समुद्र में समा गए। इस विस्तृत पुरातात्विक सर्वेक्षण को करने वाले हवाई विश्वविद्यालय के सर्वेक्षकों के अनुसार पिछले माह इन विमानों के क्रू में मारे गए लोगों में शामिल अब तक अज्ञात रहे सात लोगों की पहचान भी बीते महीने कर ली गयी है।
क्या था पर्ल हार्बर का मामला
पर्ल हार्बर हवाई द्वीप पर होनोलुलु के पश्चिम में स्थित एक नौसैनिक अड्डे का नाम है। 7 दिसंबर 1941 को जापान नौसेना इम्पीरियल जैपनीज नेवी ने इस बर बिना कोई वार्निंग दिए अचानक हमला बोल दिया। जाहिर है इस हमले में अमेरिका को भारी नुकसान उठाना पड़ा। हमले में ढाई हजार के करीब अमेरिकी सैनिक मारे गए। उस समय पर्ल हार्बर में अमेरिका के करीब आठ युद्ध पोत मौजूद थे जिन्हें काफी क्षति पहुंची। चार युद्ध पोत पूरी तरह नष्ट होकर समुद्र में समा गए। और उन पर मौजूद 188 विमान भी नष्ट हो गए। जारी की गयी तस्वीरें उन्हीं विमानों की हैं। अमेरिकी इतिहास की इस महत्वपूर्ण घटना को तत्कालीन राष्ट्रपति रूजवेल्ट कलंक का दिन कहा था।
इस हमले को अपने हितों की रक्षा का नाम देते हुए जापान ने दो चरणों में अंजाम दिया था। जिसमें उसने युद्धक विमानों, बम वर्षकों और तारपीडो सहित 353 विमानों का इस्तेमाल किया था। पहले अटैक में उत्तरी ओहायु से 183 लड़ाकू विमान भेजे गए और दूसरे हमले में 171 विमान शामिल हुए। लेकिन इसका परिणाम भी जापान को बड़ा भयानक भुगतना पड़ा। पर्ल हार्बर पर हुए अटैक के दूसरे ही दिन यानि 8 दिसंबर 1941 को ही अमेरिका आधिकारिक रूप से पूरी तरह से द्वितीय विश्व युद्ध का हिस्सा बन गया और इसके बाद उसने जापान के हिरोशिमा नागासाकि पर परमाणु बम गिराने जैसा दिल दहला देने वाला काम किया।Images courtesy Daily Mailinextlive from World News Desk