टेलीविज़न का शौक़ सेहत के लिए ख़तरा
शोधकर्ता कहते हैं कि टीवी देखने जैसी अन्य गतिविधियों का भी समान असर होता है जैसे कम्प्यूटर पर गेम्स खेलना या इंटरनेट देखना. उन्होने आठ बड़े शोधों के निष्कर्षों की जांच की जिनमें 175,000 लोग शामिल किए गए थे और देखा कि टीवी देखने से कौन सी बीमारियां जुड़ी हुई हैं. उन्होने पाया कि जो लोग दो घंटे प्रतिदिन से अधिक देर तक टीवी देखते हैं उन्हे टाइप टू डायबिटीज़ और हृदय रोग का ख़तरा बढ़ जाता है और तीन घंटे प्रतिदिन से अधिक टीवी देखने से समय से पहले मृत्यु का ख़तरा बढ़ता है. अनुसंधानकर्ताओ का अनुमान है कि हर दो घंटे अधिक टीवी देखने से एक लाख में से 38 लोगों के दिल की बीमारी से मरने और 176 लोगों के डायबिटीज़ विकसित करने का ख़तरा बढ़ता है.
डायबिटीज़ यूके के डॉ इयन फ्रेम का कहना है कि इस शोध से लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए कि निष्क्रिय जीवन शैली के क्या ख़तरे हैं.इस बात के प्रमाण हैं कि अगर व्यक्ति शारीरिक रूप से सक्रिय रहे तो उसके टाइप टू डायबिटीज़ विकसित करने का ख़तरा 60 प्रतिशत कम हो जाता है. ब्रिटिश हार्ट फ़ाउंडेशन की मौरीन टैल्बट ने कहा, "चाहे अनचाहे हम सभी की शामें टेलीविज़न के सामने सोफ़े पर बैठे हुए क्रिस्प और बिस्कुट खाते और मीठे पेय पदार्थ या शराब पीते बीतती हैं. लेकिन ये बहुत ज़रूरी है कि ये हमारी रोज़ की दिनचर्या न बनने पाए". "हमें ये तय करना चाहिए कि हम टीवी देखने में कितना समय बिताएंगे और हमें अधिक शारीरिक गतिविधियां करनी चाहिए".मौरीन टैल्बट कहती हैं, "हमें अपने दिल को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हफ़्ते में कम से कम पांच बार 30 मिनट तक व्यायाम करना चाहिए. इसलिए क्यों न दफ़्तर से लौटते हुए टहला जाए, किसी खेल की टीम में शामिल हों या थोड़ी बहुत बाग़बानी की जाए. ये टेलीविज़न के सामने बुत बनकर बैठे रहने से तो बेहतर होगा".शोधकर्ताओं के अनुसार यूरोपीय देशों के लोग तीन से चार घंटे प्रतिदिन टीवी के सामने बिताते हैं और अमरीकी औसतन पांच घंटे.