छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : बागबेड़ा के वायरलेस मैदान में जहां पानी लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ती है, वह जगल नाली में तब्दील हो चुका है। पेयजल संकट को देखते हुए यहां रेलवे की ओर से नल लगाकर पानी उपलब्ध कराई गई है। इन नल के भरोसे बस्ती की एक हजार आबादी निर्भर है। लेकिन, यह नल जहां है, वहां का चबूतरा टूट चुका है और गढ्डा भी बन चुका है। इसी में नाली का गंदा पानी आकर मिल जाता है। इससे पानी लेने के लिए आने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

खड़ा होना भी मुश्किल

गढ्डे में जमे नाली के पानी की बदबू से यहां लोगों का थोड़ी देर भी खड़ा रहना मुश्किल जान पड़ रहा है, लेकिन पानी की मजबूरी उन्हें घंटों यहां रहने को मजबूर कर रही है। इतना ही नहीं, बगल में कूड़े-कचरे का भी अंबार है। मजबूरन लोग इसी कचरे से होकर नल से पानी लाने को जाते हैं। इस वजह से यहां बीमारियों के फैलने की भी आशंका मंडरा रही है।

जन प्रतिनिधि गंभीर नहीं, प्रशासन भी मौन

नाली के पास टूटे चबूतरे को बनाना तो दूर कचरा और गंदगी को साफ करने की भी पहल जिला प्रशासन की ओर से नहीं की जा रही है। इस बाबत स्थानीय लोगों ने बताया कि वे अपनी शिकायत जन प्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों के पास भी कर चुके हैं, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.उत्तर पूर्वी बागबेड़ा मुखिया नीनू कुदादा का इस ओर कोई ध्यान ही नहीं है। वे फंड नहीं होने की बात कहकर इस मामले से पल्ला झाड़ ले रहे हैं।

Posted By: Inextlive