-दर्जनों एरिया में 20 साल पुराने ट्यूबवेल रिबोर नहीं

-जनवरी माह में ही रिबोर के लिए पास हो गया था प्रस्ताव

-रिबोर और मरम्मत न होने से लगातार जल रहे मोटर

GORAKHPUR: कहा जाता है कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए होगा। यह युद्ध कब होगा यह तो नहीं पता, लेकिन गोरखपुर सिटी के पानी के लिए युद्ध की स्थिति आ सकती है। यह हम नहींसिटी के हालात कह रहे हैं क्योंकि शुद्ध पानी देने वाले ट्यूबवेल ख्0 साल पुराने हैं। इनकी मरम्मत न होने की वजह से सिटी में पानी की किल्लत की स्थिति आ गई है। स्थिति यह है कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है वैसे वैसे पानी की समस्या बढ़ रही है। सिटी के ट्यूबवेल जवाब देते जा रहे हैं। स्थिति यह है कि एक माह में क्भ् से अधिक पानी की मोटर जल चुके हैं। इनको सही करने के लिए जीएमसी कार्यकारिणी ने जनवरी माह में ही योजना बना ली थी, लेकिन जलकल के अफसरों की सुस्त चाल के कारण एक भी ट्यबूवेल न तो मरम्मत हुआ है और न ही रिबोर हुआ है।

क्भ् ट्यूबवेल हुए थे रिवोर के लिए चिन्हि्त

जनवरी माह में जीएमसी की कार्यकारिणी की बैठक में सभी सदस्यों ने सिटी के ट्यूबवेल के रिवोर का प्रस्ताव किया था। बैठक में क्भ् ट्यूबवेल के रिवोर की स्वीकृत भी मिली। इसके बाद फरवरी में रिबोर की फाइल भी तैयार हो गई, लेकिन फाइल तैयार हुए दो माह हो गए। काम के नाम पर एक भी ट्यूबवेल नहीं बन पाया है।

रिवोर और मरम्मत न होने के कारण जल रहे हैं ट्यबवेल

जलकल के एक जेई का कहना है कि ख्0 साल पुराने ट्यूबवेल के पास पानी की कमी हो जाती है, क्योंकि पानी का लेवल काफी नीचे चल गया है और ट्यूबवेल को रिबोर करने की जरूरता है। यही वजह है कि पानी निकालने में मोटर पर अधिक जोर पड़ता और वह जल जाते हैं। अब तक जितने भी ट्यूबवेल के मोटर जले हैं, वह सारे अपनी उम्र पार कर चुके हैं।

वर्जन

चुनाव बाद रिबोर का काम शुरू कर दिया जाएगा और मई के अंत तक सारे ट्यूबवेल रिबोर कर दिए जाएंगे।

पीएन मिश्रा, जेई जलकल

Posted By: Inextlive