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अगर रनिंग, वॉकिंग या जिम एक्सरसाइजेस आपको बोर करते हों तो वॉटर एक्सरसाइजेस का प्लान बना सकते हैं. वैसे तो वॉटर एक्सरसाइजेस वीक बोन ज्वॉइंट्स वाले लोगों को डॉक्टर्स खात तौर पर रिकमेंड करते हैं लेकिन ये हर किसी के लिए सूटेबल होती हैं. What is water exercise?वॉटर एक्सरसाइजेस आम तौर पर पानी के अंदर टे्रन्ड एक्सपट्र्स की देख-रेख में कराई जाती हैं. शहर के किसी भी स्विमिंग पूल में इन्हें ईजिली किया जा सकता है. ये एक्सरसाइजेस अर्थराइटिस पेशेंट्स, ओवरवेट या जिनका नी या हिप का रिप्लेसमेंट हुआ हो, उनमें ज्यादा पॉपुलर हंै. एक्वा एक्सरसाइजेस की स्पेशलिस्ट दीपाली जैन कहती हैं, ‘वॉटर एक्सरसाइजेस की सबसे अच्छी बात यह है कि इन्हें आप जिम एक्सरसाइजेस से ज्यादा लम्बे समय तक कॉन्टिन्यू कर सकते हैं. नो डाउट स्विमिंग पूल का एटमॉस्फियर जिम के एटमॉस्फियर से कहीं बेहतर होता है.’Faster, quicker, better
वॉटर एक्सरसाइज फिजियोथेरेपी को एक ब्रांच के तौर पर शुरू किया गया था जिससे नी, बैक और हिप इंजरी की प्रॉब्लम्स फेस कर रहे लोगों को हेल्प मिल सके. लेकिन धीरे-धीरे ये आम लोगों में भी पॉपुलर होने लगा. दीपाली के मुताबिक रेग्युलर जिम वर्कआउट में जहां आपको हर बॉडी पार्ट की एक्सरसाइज अलग-अलग दिन कराई जाती है वहीं वॉटर एक्सरसाइजेस में पूरी बॉडी की एक्सरसाइज हो जाती है. वह आगे कहती हैं, ‘जहां हवा में ग्रेविटेशनल फोर्स अपना पूरा असर दिखाता है वहीं पानी में यह फोर्स कम हो जाता है और आपकी बॉडी की पानी से रेग्युलर मसाज होती रहती है. आप पानी में चाहे जो भी एक्सरसाइज कर रहे हों आपकी पूरी बॉडी का वर्कआउट वॉटर मसाज के जरिए होता रहता है. It burns 800 calories in one hourदीपाली क्लेम करती हैं कि एक घंटे की वॉटर एक्सरसाइजेस में 700 से 800 कैलोरीज तक बर्न की जा सकती हैं. हां, इसके लिए आपको स्विमिंग आना जरूरी नहीं है. वह कहती हैं, ‘पानी माइंड को रिफ्रेश करने के लिए जाना जाता है और वॉटर एक्सरसाइज इस काम को और आसान बनाता है. यह आपको डीस्टे्रस करने में हेल्प करता है जिससे अच्छी नींद आती है और यह ऑलरेडी प्रूव हो चुका है कि यह ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है.’Special equipmentsवॉटर एक्सरसाइज के लिए कुछ खास तरह के इक्विपमेंट्स होते हैं. दीपाली कहती हैं, ‘वॉटर एक्सरसाइजेस में कुल 20 डिफरेंट टाइप के इक्विपमेंट्स होते हैं. इसमें डम्बल्स, नूडल्स और दूसरे फ्लोटिंग इक्विपमेंट्स शामिल होते हैं जो पानी के अंदर मूव करने में हेल्प करते हैं.’
Water workout rulesवॉटर वर्कआउट के लिए किसी भी कंडिशन में एक घंटे से ज्यादा वक्त ना दें. आप पानी में हल्का जरूर फील करेंगे लेकिन बाहर निकलने के बाद आप थका हुआ फील करेंगे.वॉटर एक्सरसाइसेज का मतलब यह नहीं होता है कि पानी के अंदर पसीना नहीं निकलता है. फ्लूइड्स की कमी से आपको पानी में भी डीहाइड्रेशन हो सकता है.पानी में स्किन इंफेक्शन की गुंजाइश हमेशा ही होती है इसलिए पानी साफ है कि नहीं इसे लेकर श्योर रहें.अगर आउटडोर स्विमिंग पूल हो तो सनस्क्रीन जरूर लगाएं.So, how does it work?जब आप स्विमिंग पूल में एंटर करते हैं तो आप पानी के एक सर्टेन अमाउंट को डिसप्लेस करते हैं. आर्किमिडिज प्रिंसिपल के मुताबिक पानी में आपका फाइनल वेट कम हो जाता है. यानी इससे आपकी बोन्स पर प्रेशर कम पड़ता है. डॉ. ए. अरुण कुमार कहते हैं, ‘इसका मतलब यह है कि जिन्हें घुटनों की प्रॉब्लम है या जिन्हें अर्थराइटिस है वे पानी में ज्यादा देर तक रह सकते हैं.’…but water can be ruthless
पानी में आपका वजन कम जरूर होता है लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि आप जो चाहें वह पानी के अंदर कर सकते हैं. दीपाली और कुमार दोनों मानते हैं कि वॉटर एक्सरसाइजेस किसी ट्रेन्ड एक्सपर्ट के सुपरविजन में ही करनी चाहिए. दीपाली हिदायत देते हुए कहती हैं, ‘अगर आपका मूवमेंट सही नहीं हैं तो इससे प्रॉब्लम हो सकती है. वॉटर एक्सरसाइजेस बहुत स्पेसिफिक होती हैं, इसलिए बिना ट्रेंड एक्सपर्ट के इसे शुरू नहीं किया जाना चाहिए. ’ लेकिन ऐसा भी नहीं है कि आप पानी में वॉकिंग और जॉगिंग नहीं कर सकते हैं. डॉ. कुमार कहते हैं, ‘बिगिनर्स वॉटर एक्सरसाइज की शुरुआत वॉकिंग और जॉगिंग से बिना एक्सपर्ट की हेल्प के भी कर सकते हैं.’Courtesy: Midday