- भू गर्भ जल विभाग के हाल ही में किए गए सर्वे में सामने आई रिपोर्ट

- कमिश्नर ऑफिस, जिला पंचायत ऑफिस समेत कई पॉश इलाकों का अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल नार्मल से कई तबका हुआ नीचे

बरेली : कहीं ऐसा समय न आ जाए कि शहर के लोग बूंद-बूंद पानी को मोहताज हो जाएं. ऐसा हम नहीं बल्कि भू-गर्भ जल विभाग के मार्च 2018 में किए गए सर्वे की रिपोर्ट कह रही है. हैरत की बात तो यह है कि खतरे के निशान वाले इलाकों की फेहरिस्त में शहर के सरकारी आला अधिकारियों के आवास और कार्यालय हैं. जिन जिम्मेदारों पर पानी की बर्बादी रोकने का जिम्मा है उनके आसपास ही अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल तेजी से नीचे जा रहा है. शहर में कमिश्नरी और जिला पंचायत ऑफिस का अंडर ग्राउंड वॉटर लेवल एक साल में सामान्य से छह मीटर तक डाउन हो गया है.

इन सरकारी विभागों में डाउन हुआ वॉटर लेवल

. 2017 में कमिश्नर ऑफिस का वॉटर लेवल 6.5 मी. वर्ष 2018 में 11.5

2. 2017 में जिला पंचायत ऑफिस का वॉटर लेवल 5.5 मी. वर्ष 2018 में 12.1

3. 2017 में विकास भवन का वॉटर लेवल 5 मी. वर्ष 2018 में 9.5

यह कारण बन रहे वजह

1. सरकारी कार्यालयों से रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम नदारद

2. पानी बचाने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम न होना.

3. पानी बचाओ को लेकर शहर में व्यापक रूप से नहीं चलाया गया अभियान

4. वाहन पार्किंग परिसर में बनी होने से अत्यधिक प्रदूषण होना.

पीजो मीटर तक हो गए गायब

भू गर्भ जल विभाग की ओर से करीब 10 साल पहले शहर में 58 स्थानों पर पीजो मीटर लगाए गए थे. इन मीटर से ही वॉटर लेवल की जांच की जाती है, लेकिन विभागीय आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2018 में 58 में से सिर्फ 27 पीजो मीटर ही क्रियाशील हैं, अन्य कहां हैं इसका पता विभाग को भी नहीं है.

वर्जन ---

शहर के कई सरकारी विभागों में वॉटर लेवल का स्तर काफी हद तक डाउन हुआ है. इन विभागों को नोटिस जारी कर सूचना भी दी गई है. वॉटर लेवल लगातार डाउन हो रहा है इसका सबसे बड़ा कारण है जागरुकता का अभाव. अगर जल्द नहीं चेते तो स्थिति भयावह हो सकती है.

डीके सिंह राठौर, सीनियर हाइड्रोजियोलॉजिस्ट.

मामला मेरे संज्ञान में नहीं था. पीजो मीटर लगाने के लिए परिसर में ही एक स्थान नीयत कराया जाएगा. रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को भी दुरुस्त कराया जाएगा.

सत्येंद्र सिंह, सीडीओ

Posted By: Radhika Lala