- हलकी सी बारिश में कई इलाकों में हो जाती है वॉटर लॉगिंग

- वहीं अच्छी बारिश में कमर तक लग जाता है पानी

GORAKHPUR:

वॉटर लॉगिंग गोरखपुर में सबसे बड़ी और पुरानी प्रॉब्लम है। सरकारें आई गई, व्यवस्थाएं बदलीं, लेकिन अब तक प्रॉब्लम जस की तस बनी है। इस प्रॉब्लम को दूर करने के लिए जिम्मेदार लाखों रुपए पानी की तरह बहा चुके हैं, लेकिन नतीजा अब तक सिफर ही है। हल्की सी बारिश में यहां की सड़कों पर सैलाब जैसे हाल हो जाते हैं। आधे घंटे की बारिश में यहां के लोगों के लिए कई घंटे की मुसीबत हो जाती है। लोगों को उम्मीद है कि बरसों की इस समस्या से उन्हें निजात मिलेगी और एक दिन ऐसा भी आएगा, जब उन्हें बारिश से डर नहीं लगेगा, बल्कि इसे एंज्वॉय करने के लिए बाहर निकलेंगे।

डूब जाते हैं कई मोहल्ले

गोरखपुर में बारिश का असर यूं तो सारे शहर में नजर आता है, लेकिन कुछ ऐसे मोहल्ले भी हैं, जहां बारिश के बाद वॉटर लॉगिंग तो आम बात है। अगर कुछ देर बारिश हो गई, तो पूरा मोहल्ला पानी में डूबा नजर आता है। घरों में नालियों का पानी भरा रहता है, जिससे लोगों की परेशानियां कई गुना बढ़ जाती हैं। इसमें वह इलाके ज्यादा हैं, जहां आसपास से होकर नाला गुजरता है, जिसमें पटी गंदगी का दंश लोगों को झेलना पड़ता है। कई बार शिकायत करने के बाद भी लोगों को इस बीमारी से अब तक आजादी नहीं मिल सकी है।

इन इलाकों में बड़ी प्रॉब्लम

रेती रोड

गीताप्रेस

शाहमारूफ

नखास

जुबिली रोड

सिविल लाइंस

धर्मशाला

हुमांयूपुर उत्तरी

शहर में वॉटर लॉगिंग बड़ी प्रॉब्लम है। हर साल सफाई के लिए लाखों रुपए खर्च होते हैं, लेकिन समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है।

- शरद दुबे

वॉटर लॉगिंग के निजात के लिए कई तरीके अपनाए जा चुके, लेकिन कोई भी कामयाब नहीं हुआ। जिम्मेदारों को कोई ठोस उपाय करना होगा।

- नोमान सिद्दीकी

कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां बारिश के बाद जाने की हिम्मत नहीं हो पाती है। इसमें रेती से गीताप्रेस रोड अहम हैं। जहां हर बारिश के बाद वॉटर लॉगिंग हो ही जाती है।

- आतिफ जफर

सिविल लाइंस जैसे पॉश एरिया में भी वॉटर लॉगिंग की समस्या है। जब अधिकारियों के आसपास यह हाल है तो बाकी शहर के बारे में अंदाजा लगाया ही जा सकता है।

- ओवैस सिद्दीकी

Posted By: Inextlive