ऐसे कैसे बुझेगी सिटी की प्यास!
- 500 से अधिक हैंडपंप खराब
-1989 में बिछी थी वाटर सप्लाई पाइपलाइन -1086 किमी लंबी पाइप लाइन में से 400 किमी है जर्जर GORAKHPUR: जीएमसी एरिया में रहने वाले एक तिहाई लोग आज भी शुद्ध पानी के लिए तरस रहे हैं। उनके लिए लगाए इंडिया मार्का हैंडपंप्स एरिया के लोगों के लिए हाथी दांत साबित हो रहे हैं। यानी वे सिर्फ दिखावे के लिए हैं। इनमें से ज्यादातर खराब हैं और जो ठीक है उनका पानी पीने लायक नहींहै। दूसरी तरफ जिन जीएमसी एरिया में जलकल विभाग पानी की सप्लाई करता है, वहां के क्0 फीसदी हिस्से में सप्ताह में दो बार गंदा पानी सप्लाई होता है। अभी नहीं पहुंचा प्यूरीफाइड वाटरसिटी के पुराने एरिया में सब कुछ चकाचक है। सड़कें चमकती हैं, स्ट्रीट लाइट्स से रात को सड़कों पर उजाला रहता है तो जलकल प्यूरीफाइड वाटर की सप्लाई भी करता है। वहींजीएमसी का वह फ्ख् परसेंट जहां अभी लोग बस रहे हैं, उनके लिए साफ पानी मिलना मुश्किल हो गया है। जलकल के आंकड़ों पर नजर डाले तो अभी तक म्8 प्रतिशत एरिया में ही जलकल की पानी सप्लाई होती है। शेष फ्ख् प्रतिशत एरिया में फ्97भ् इंडियामार्का हैंडपंप लगाकर शुद्ध पानी की सप्लाई का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत में आज भ्00 से अधिक हैंडपंप खराब पड़े हैं।
ब्00 किमी पाइपलाइन जर्जर सिटी में क्08म् किमी पाइप लाइन की मदद से पानी सप्लाई की जाती है। यह पाइपलाइन क्989 में लगाई गए थे। इसमें से ब्00 किमी लंबी पाइप लाइन इस समय जर्जर हो चुकी है। यह इतनी जर्जर है कि न तो पानी की प्रेशर रोक पाती है। कई बार तो यह वाहनों के गुजरने से भी दम तोड़ देती है। यही वजह है कि आज पाइपलाइन पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। इन एरिया में होती है गंदे पानी की सप्लाईसिटी के जाफराबाजार, छोटे काजीपुर, मियांबाजार, उर्दूबाजार, रेती चौक, अलहदादपुर और बसंतपुर में अक्सर पानी की सप्लाई पाइप लाइन फट जाती है। इस कारण कई बार लोगों के घरों में गंदा पानी सप्लाई हो जाता है। जलकल जेई पीएन मिश्रा का कहना है कि क्989 में सिटी के कई एरिया में पाइप लाइन बिछायी गई थी। उस समय के बाद कभी पाइप लाइन बदलने का काम किया नहीं गया। उस दौर में सड़कों पर वाहनों का उतना प्रेशर नहींथा। इस वजह से उस समय दिक्कत नहींहोती थी, लेकिन आज गाडि़यों के प्रेशर से वे टूट जाती है। जेई का कहना है कि जहां ऐसी शिकायत मिल रही है वहां की पाइप लाइन बदला जी रही है और कम से कम भ् से 7 फीट नीचे लगाया जा रहा है, ताकि पाइप पर प्रेशर पड़े।
वाटर सप्लाई की हकीकत कुल वार्ड- 70 सिटी का एरिया - क्ब्7 वर्ग किमी ट्यूबवेल की संख्या- क्0म् मिनी ट्यूबवेल की संख्या- ख्म् पेयजल उत्पादन- 90 एमएलडी(मीलियन लीटर डेली) पेयजल की मांग- क्फ्भ् (लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन डेली) पेयजल की उपलब्धता- 9फ्.70 (लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन डेली) ओवर हेड टैंक- ख्भ् भूमिगत टैंक- क् स्टोरेज कैपेसिटी- क्9ब्म्0 स्टैंड पोस्ट की संख्या- ब्7भ् पाइप लाइन की लंबाई- क्08म् किमी जलापूर्ति का समय- क्ख् घंटा हैंडपंपों की संख्या- फ्97भ् पाईप्ड पेयजल आपूर्ति से आच्छादित एरिया- म्8 प्रतिशत कनेक्शनधारी- ब्9क्7भ् (घरेलू- ब्म्88ब् और अघरेलू-ख्ख्9क्) क्989 में सिटी के कई एरिया में पाइप लाइन बिछायी गई थी। उस समय के बाद कभी पाइप लाइन बदलने का काम किया नहीं गया। पीएन मिश्रा, जेई, जलकल