-पानी जमा होने से समय से पहले सड़कें हो जा रही हैं खराब

- सिटी के रोड्स समेत स्टेट व नेशनल हाइवे की भी बिगड़ रही सेहत

VARANASI

नालियों और सीवर से निकला गंदा पानी सड़कों की लाइफ खत्म कर रहा है। इसका नतीजा है कि तय समय से पहले ही सड़कें जगह-जगह खराब हो रही हैं। सिटी के प्रमुख रोड पर तो ये हालत है ही, स्टेट और नेशनल हाइवे भी इस प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं। इससे पीडब्ल्यूडी को सड़कों का मेंटीनेंस समय से पहले करना पड़ रहा है। अफसरों के मुताबिक सड़क पर जमा पानी गिट्टियों को उखाड़ देता है। जिससे काफी दूर तक सड़क की सतह कमजोर हो जाती है। फिर धीरे-धीरे उखड़ने लगती है। अगर सड़क पर पैचवर्क करा भी दिया गया तो फिर पानी लगने से स्थिति जस की तस हो जाती है।

चार साल है सिटी रोड की लाइफ

पीडब्ल्यूडी के असिस्टेंट इंजीनियर (निर्माण खंड) आशुतोष सिंह के मुताबिक सिटी में ककॅमर्शियल वेकिल पर डे (सीयूपीडी) के हिसाब से सड़कें बनाई जाती हैं। यानी, उस सड़क पर डेली जितने व्यवसायिक वाहन चलेंगे। उतना ही रोड की चौड़ाई और मोटाई होगी। सिटी में सड़कों की लाइफ चार साल और स्टेट व नेशनल हाइवे की 20 से 30 साल तक होती है। लेकिन ओवरलोड वाहनों के अधिक दबाव, जगह-जगह पानी जमा होने समेत तमाम कारण हैं, जो रोड की लाइफ कम कर देते हैं।

कई जगह होता है जलजमाव

सिटी के तमाम प्रमुख सड़कों के बीचोबीच पानी जमा रहता है। ये पानी नालियों या सीवर के ओवरफ्लो होने से जमा हो जाता है। शहर के कैंट-लंका मार्ग, सिगरा-महमूरगंज रोड, सिगरा-कस्तूरबा नगर मार्ग, मलदहिया-लहुराबीर मार्ग, पिपलानी कटरा-नाटी इमली मार्ग समेत तमाम सड़कें ऐसी हैं, जहां यह स्थिति डेली देखी जा सकती है। इससे पब्लिक हिचकोले खाने को मजबूर है.

पैचवर्क व कट स्टोन से बचाव

शहर की सड़कों की बात छोड़ दें तो वाराणसी-भदोही व कछवा-कपसेठी स्टेट हाइवे और वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग पर टेंगरा मोड़ से नरायनपुर तक आबादी वाले एरिया में सड़क पर पानी जमा हो जाता है। इससे बचाव के लिए रोड की पैचिंग की जाती है। लेकिन समस्या बनी रहती है तो वहां पर कट स्टोन लगा दिए जाते हैं। जिससे गढ्डे न बन सकें। इन सड़कों पर स्थित बाजारों में कट स्टोन लगाए गए हैं। अफसरों के मुताबिक आरसीसी सड़कों पर पानी का असर नहीं होता है।

एक नजर

- 111 किमी लम्बी सड़कें सिटी में

- 40 सड़कें हैं बनारस शहर में

- 4 साल है सिटी में रोड की लाइफ

- 20-30 साल है हाइवे की लाइफ

सड़कों पर पानी लगने से उनकी लाइफ कम हो रही है। पीडब्ल्यूडी उनका पैचवर्क कर मेंटेन करता है। लेकिन कई बार बजट की कमी से प्रॉब्लम दूर करना सम्भव नहीं हो पाता है।

एके सिंह, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी

Posted By: Inextlive