पिछले पांच दिन पाइपलाइन से लीक हो रहा है पानी

चीफ मिनिस्टर के दौरे के बाद ही शुरू हो सकेगा काम

तीन से चार दिन तक आपूर्ति रहेगी प्रभावित

आगरा। रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून प्रसिद्ध कवि रहीमदास की ये पंक्तियां पाइपलइन के लीकेज पर सटीक दिख रही हैं। पिछले पांच दिनों से लोगों के हक का पानी सड़क पर बर्बाद हो रहा है। जिम्मेदार पांच दिनों से पानी की बर्बादी को हाथ पर हाथ धरे देख रहे हैं। बता दें कि गुरु का ताल आरओबी के नीचे 1400 एमएम से ज्यादा की पाइपलाइन लीकेज होने से हजारों लीटर पानी हर रोज बर्बाद हो रहा है। पाइपलाइन लीकेज होने से पानी का प्रेशर लो हो गया है। इसके चलते घरों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो पा रही है।

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अब सीएम के दौरे के बाद शुरू होगा काम

लीकेज हुई पानी की पाइपलाइन के दुरुस्तीकरण का काम सीएम योगी आदित्यनाथ के यहां आने के बाद शुरू होगा। सीएम योगी आदित्यनाथ चार जनवरी को आगरा आ रहे हैं। जलकल के अफसरों की मानें तो सीएम के दौरे के बाद पांच जनवरी को मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा। इसके बाद सात-आठ जनवरी तक काम पूरा हो पाएगा। तीन से चार दिन तक आधे शहर में जलापूर्ति बाधित रहेगी।

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ये इलाके रहेंगे प्रभावित

लीकेज पाइप लाइन के दुरुस्तीकरण के चलते आधे शहर में आपूर्ति बाधित रहेगी। जलकल विभाग के अफसरों का दावा है कि तीन दिन तक आपूर्ति बाधित रहेगी। लेकिन हकीकत में आपूर्ति चार दिनों से भी ज्यादा प्रभावित होने की संभावना है। इसमें लोहामंडी, लॉयर्स कॉलोनी, निर्भय नगर, ककरैठा, दयालबाग, संजय प्लेस, सूर्य नगर, गढ़ी भदौरिया, सरस्वती नगर, केशवकुंज, प्रताप नगर, सिकंदरा आदि क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति बाधित रहेगी। इन इलाकों में टैंक से पानी की आपूर्ति की जाएगी।

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एक ओर शहर में पानी के लिए भागदौड़ दूसरी ओर बर्बादी

जहां शहर में एक ओर पानी के लिए लोगों में हाय-तौबा मची है। पानी के लिए टैंकरों पर लाइन लग रही हैं। हैडपंपों पर भागदौड़ हो रही है, वहीं दूसरी ओर गुरु का ताल के पास पिछले पांच दिनों से लाखों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। जलकल शहर को गंगाजल आने के बाद भी पानी उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। हालांकि जलकल के अफसरों का दावा है कि आपूर्ति सामान्य है। लेकिन अभी भी कई इलाकों में पानी न आने के कारण लोग टैंकों पर निर्भर हैं।

सर्दियों में भी आगराइट्स को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है। जीवनी मंडी स्थित वाटर व‌र्क्स प्लांट की क्षमता कुल 225 एमएलडी है, लेकिन मौजूदा समय में वह केवल 90-100 एमएलडी की सप्लाई ही कर पा रहा है। वहीं सिकंदरा वाटर व‌र्क्स की क्षमता 144 एमएलडी की, लेकिन आपूर्ति 100-120 एमएलडी की ही हो पा रही है। इसके चलते पेयजल समस्या बरकरार बनी हुई है।

जीवनी की मंडी वाटर व‌र्क्स प्लांट:

- 03 प्लांटों की संख्या

- 45 एमएलडी

-90 एमएलडी

- 90 एमएमडी

-225 एमएलडी कुल आपूर्ति

सिकंदरा प्लांट

288 कुल एमएलडी के दो प्लांट

144 एमएलडी पेयजल की आपूर्ति हो रही है

- एक प्लांट तैयार किया जा रहा है।

- 100-120 एमएलडी पानी की आपूर्ति

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दो -तीन दिन बाद लाइन के लीकेज को दुरुस्त किया जाएगा। इसके लिए पेयजल आपूर्ति बाधित नहीं होने दी जाएगी। टैंकरों से आपूर्ति की जाएगी। लीकेज को दुरुस्त करने के विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

आरएस यादव महाप्रबंधक जलकल

वर्जन

लगातार पानी लीकेज होने से हाईवे को नुकसान पहुंच सकता है। मैं इसको गुरुवार को दिखवाता हूं। इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों से बात की जाएगी।

शफी मोहम्मद परियोजना निदेशक एनएचएआई

खुदाई से आरओबी को पहुंच सकता है नुकसान

1400 एमएम की मेन राइजिंग पाइपलाइन गुरु का ताल के आरओबी के सटकर गुजर रही है। वहीं पाइपलाइल लीकेज हुई है। वहां जलकल को खुदाई करानी होगी। ऐसे में आरओबी के पिलर को खतरा पैदा हो सकता है। जलकल विभाग के अधिकारियों को अभी तक इसका मैप प्राप्त नहीं हो सका है। खुदाई के लिए सेतु निगम, एनएचएआई से अनुमति लेनी होगी। जल भराव होने से पिलर के अन्दर नमी भी पहुंच रही है। इससे पिलर की मजबूती को भी खतरा पैदा हो गया है। जलकल के अधिकारियों ने बताया कि चूंकि पानी की मेन राइजिंग काफी पुरानी है। आरओबी बाद में बनाया गया। पहले इसको नहीं देखा गया। पाइपलाइन बिछाने का काम जलकल का नहीं है। इसे जल निगम करता है।

मेन राइजिंग हो चुकी है जर्जर, दो वर्ष में आठ बार लीकेज हुई

शहर में जलापूर्ति के लिए ज्यादातर पड़ी मेन राइजिंग लाइनें जर्जर हो चुकी हैं। गुरु का ताल वाली मेन राइजिंग लाइन पिछले दो वर्ष में आठ बार लीकेज हो चुकी है। बता दें कि हर वर्ष जलकल विभाग पंपिंग सेट के मेंन्टीनेंस पर 1.50 करोड़ और अन्य लाइनों के मेंटीनेंस पर 10 लाख खर्च करता है।

-10,863 वर्ग किमी। के दायरे में फैला है आगरा

- 1.27 लाख नल कनेक्शन

- कई क्षेत्रों में कनेक्शन कट चुके हैं।

- 144 एमएलडी सिकंदरा एमबीबीआर प्लांट की क्षमता

- 144 एमएलडी मौजूदा समय में पानी की आपूर्ति

- 225 एमएलडी जीवनी की मंडी वाटर व‌र्क्स प्लांट की क्षमता

- 90-100 एमएलडी से भी कम मौजूदा समय में पानी की आपूर्ति

- 324 एमएलडी दोनों प्लांट से पानी की आपूर्ति

- 45 एमएलडी जीवन की मंडी प्लांट का रिन्यूवेशन

- 7399 हैंडपंप में 1025 के रिबोर की डिमांड

- 100 एमएलडी रोज पानी की कमी

- 50 फीसदी पानी शोधन में बर्बाद

- 34 टैंकर जलकल के पास हैं

- ज्यादातर टैंकर दुरुस्त नहीं हैं।

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पहले से ही बरकरार है पेयजल आपूर्ति की समस्या

Posted By: Inextlive