अब ट्रेनों की स्पीड में ब्रेक नहीं लगाएगा पानी
- कानपुर समेत एनसीआर के बड़े स्टेशनों पर रेलवे लगाने जा है रहा क्विक वाटरिंग सिस्टम
- क्विक वाटरिंग सिस्टम से चंद मिनटों के अंदर कोच का वॉटर ट्रैक लगभग पूरा भर जाएगा kanpur@inext.co.in kanpur. गर्मी के मौसम में ट्रेनों में पानी की प्राब्लम को लेकर पैसेंजर्स व रेलवे को ट्रेनों की होने वाली लेटलतीफी की समस्या अब नहीं फेस करनी होगी. रेलवे ने कानपुर, एनसीआर समेत देश के 66 स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम लगाने जा रहा है. इसके लिए रेलवे बोर्ड ने 23 अरब रुपए का बजट पास किया है. रेलवे अफसरों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है. क्विक वाटरिंग सिस्टम के फायदेएनसीआर सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल ने बताया कि ट्रेनों में पानी भरने का यह सिस्टम कंप्यूटरीकृत होगा. पानी की टंकी में पानी भरने को बूस्टर पंप लगाए जाएंगे. जिससे 1800 लीटर की टंकी पांच मिनट में फुल हो जाएगी. वर्तमान में पुरानी व्यवस्था में 50 लीटर पानी एक मिनट में कोच की पानी की टंकी में भर पाता है. उन्होंने बताया कि इस सिस्टम से पैसेंजर्स के साथ-साथ रेलवे को भी काफी परेशानियां दूर हो जाएंगी.
समस्याएं पूर्ण रूप से खत्म हो जाएगीरेलवे अधिकारियों के मुताबिक गर्मी के मौसम में हर वर्ष ट्रेनों में पानी की समस्या होने पर पैसेंजर्स के हंगामे से ट्रेनें स्टेशन पर आधा से एक घंटे तक खड़ी रहती है. एक ट्रेन खड़ी होने से उसके पीछे वाली ट्रेनें भी घंटों प्रभावित हो जाती है. क्विक वाटरिंग सिस्टम से यह सभी समस्याएं पूर्ण रूप से खत्म हो जाएगी.
पानी की बर्बादी में रेलवे लगाएगा अंकुश कानपुर सेंट्रल स्टेशन में गर्मी के मौसम में रेलवे ट्रैक के बीच में लगे हाईड्रेंट पाइप को खोल कर नहाते दिखाई देना आम बात है. जिसमें प्रतिदिन हजारों लीटर पेयजल बर्बाद होता है. रेलवे इस पर भी पूरी तरह अंकुश लगाने जा रहा है. रेलवे अधिकारियों के मुताबिक नई व्यवस्था में उसी प्लेटफार्म का पानी खोला जाएगा. जिसमें ट्रेन आने वाली होगी या फिर जरूरत होगी. कंप्यूटरीकृत सिस्टम होने से ट्रेन की टंकी फुल होने पर पानी की सप्लाई बंद हो जाएगी. कानपुर सेंट्रल स्टेशन: एक नजर - 5 लाख लीटर पानी की डेली खपत गर्मी में - 60 से अधिक ट्रेनों में पानी डेली भरा जाता है. - 3 लाख लीटर पानी की खपत ठंड के मौसम में - 10 हजार लीटर पानी सफाई व्यवस्था में प्रतिदिन'' पैसेंजर्स की सुविधा व पानी की बर्बादी को पूरी तरह से रोकने के लिए कानपुर सेंट्रल स्टेशन समेत एनसीआर जोन के बड़े स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम लगाए जा रहे हैं. ''
गौरव कृष्ण बंसल, सीपीआरओ, एनसीआर