यदि आप यूपी और बिहार में रहते हैं और गर्मी से कुछ ज्‍यादा ही परेशान हैं तो हिल स्‍टेशन की बजाए अपने ही राज्‍य में एक छोटे से कूल ट्रिप पर जा सकते हैं. यूपी और बिहार में भी ऐसे नेचुरल प्‍लेस हैं जहां प्राकृतिक वातावरण का मजा ले सकते हैं. जानिए अपने आसपास के वाटरफाल के बारे में...


यूपीविंडम वाटरफॉल, विंध्‍याचल, मिर्जापुरयह प्‍लेस इलाहाबाद से 76 और वाराणसी से 74 किमी की दूरी पर है. दोनों शहरों से आप बाइ रोड तो आप वहां जा ही सकते हैं आपके पास बाइ ट्रेन जाने के लिए भी ऑप्‍शन है. मिर्जापुर नजदीकी रेलवे स्‍टेशन है. यहां से करीब 14 किमी की दूरी पर यह स्‍थान है. यहां आसपास से लोग वीकेंड मनाने के लिए भी आते हैं. यहां से दो किमी की दूरी पर ही एक और वाटरफॉल है. इसका नाम टांडा वाटरफॉल है. यहां एक पार्क भी है, जहां आप प्रकृति का आनंद ले सकते हैं. ऊंचाई से गिरते पानी की कलकल की ध्‍वनि से वातावरण में एक अलग ही प्राकृतिक मनमोहक संगीत गूंजता रहता है. बिहार में वाटरफॉल
ककोलत वाटरफॉल, नवादा, बिहार


ककोलत हिल वाटरफॉल बिहार और झारखंड के बॉर्डर पर है. पटना से इसकी दूरी 139 किमी है. यहां 150 से 160 फुट की ऊंचाई से पानी गिरता है. यह जल प्रपात पानी किसी प्राकृतिक खजाने से कम नहीं है. इस मनोरम दृश्‍य का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आसपास ही नहीं अन्‍य राज्‍यों से लोग यहां की प्राकृतिक छटा का आनंद लेते आते रहते हैं.पौराणिक महत्‍वएक किवदंती के अनुसार त्रेता युग में एक राजा थे जो एक ऋषि के शाप से अजगर बन गए थे. वह ककोलत में रहते थे. वनवास के दौरान पांडव यहां आए थे और राजा को सर्प योनि से मुक्ति मिली थी. मान्‍यता है कि ककोलत जल प्रपात में स्‍नान करने से लोग सर्प योनि में जन्‍म नहीं लेते. यही वजह है कि यहां आसपास से लोग बड़ी संख्‍या में स्‍नान करने आते हैं. इस जगह पर संक्रांति के अवसर पर बहुत बड़ा मेला भी लगता है. मंझर कुंड, सासाराम, बिहार

Posted By: Satyendra Kumar Singh