Meerut : बुजुर्ग हम सबके घर में हैं मगर उन्हें परिवार का अहम हिस्सा कम ही लोग समझते हैं. ये वही बुजुर्ग हैं जो अपने बच्चों की परवरिश करने के बाद अपने नाती-पोतों में परिवार के संस्कार भरते हैं.


मगर परिवार को अपनी संस्कृति और संस्कारों से जोडऩे वाले बुजुर्गों को हम सम्मान नहीं देते। ये बात एनसीआरबी के डाटा से लेकर हमारे आसपास की घटनाएं और हाल ही में हुए सर्वे भी पुष्ट कर रहे हैं।नहीं करते बुजुर्गों का सम्मान


रिसर्च एंड एडवोकेसी सेंटर ऑफ ऐजवैल फाउंडेशन दिल्ली के सर्वे में ये साफ हुआ है कि हम अपने बुजुर्गों को न प्यार देते हैं और न सम्मान जिसके वो हकदार हैं। बुजुर्गों के सामने पेश आने वाले मुद्दों के प्रति युवा पीढ़ी की जागरूकता उनके प्रति वास्तविक मदद में तब्दील नहीं हो पाती। इस सर्वे में ये बात भी सामने आई है कि आज की युवा पीढ़ी अपने बुजुर्गों को जानबूझकर या अंजाने में नजरअंदाज करते हैं। और पड़ोस में रहने वाले बुजुर्ग के प्रति सम्मान का भाव दिखाने के लिए क्षमता से भी आगे जाकर काम करते हैं। इस सर्वे में ये भी सामने आया बुजुर्गों को अपने ही घर में सम्मान नहीं मिल रहा। नहीं करते सही व्यवहार

59.3 परसेंट लोग मानते हैं कि समाज में और घर में हम बुजुर्गों के साथ ठीक व्यवहार नहीं करते। इनमें से 53.3 परसेंट लोग इस बात को मानते हैं कि वो अपने घर में रहने वाले बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते हैं। वहीं 23 परसेंट लोग मानते हैं कि वो कार्यस्थल पर बुजुर्गों के साथ सही व्यवहार नहीं करते। 19 परसेंट लोग मानते हैं कि यात्रा या घर से बाहर मिलने वाले बुजुर्गों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं और 5 परसेंट लोगों इस बात को मानते हैं कि वो घर और बाहर हर जगह मिलने वाले बुजुर्गों का पूरा सम्मान करते हैं। इस सर्वे में ये भी सामने आया कि कार्यस्थल पर बुजुर्गों को उम्र के कारण भेदभाव का सामना करना पड़ता है और उनका प्रमोशन भी उनकी उम्र की वजह से प्रभावित होता है। वहीं इस पूरे सर्वे में 84.9 परसेंट लोगों ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि बुजुर्ग लोग रिटायरमेंट के बाद भी सक्रिय और समाज के लिए लाभकारी होते हैं।एनसीआरबी कहता है

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने साल 2012 के क्राइम रिकॉर्ड में इस बात को पुष्ट किया है कि ऑल ओवर इंडिया प्रॉपर्टी से जुड़े कुल 4,65,055 केस फाइल किए गए हैं और वहीं यूपी में प्रॉपर्टी से जुड़े कुल क्राइम केसेज की गिनती 47,112 है। साल 2011 में 50 साल से ज्यादा उम्र के 35,123 बुजुर्गों का मर्डर कर दिया गया वहीं साल 2012 में 35,122 बुजुर्गों का मर्डर किया गया। वहीं अगर शहर की बात करें तो अब तक लगातार ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें बुजुर्गों को घर से निकाला गया है। घरों में रहने वाले अकेले बुजुर्ग हमेशा से ही अपराधियों का पहला निशाना रहे हैं और शहर में कई ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जिनमें बुजुर्गों को अपराधियों ने अपना शिकार बनाया है।"ये बात सही है कि हम अपने बुजुर्गों को वो सम्मान देते नहीं जिसके वो हकदार हैं। इसके लिए युवाओं को दोषी ठहराने से पहले हमें अपने व्यवहार के बारे में भी सोचना होगा। जब हम ही अपने पेरेंट्स का सम्मान नहीं करते, उनसे बात नहीं करते, उनसे झगड़ा करते हैं और घर से निकाल देते हैं तो हमारे बच्चे भी यही देखेंगे और सीखेंगे। अगर हम अपने बुजुर्गों को परिवार में उचित स्थान और सम्मान देंगे तो शहर में वृद्धाश्रम की जरूरत ही नहीं होगी."-डॉ। दीप्ति कौशिक, समाजशास्त्री

Posted By: Inextlive