धनतेरस के समय वास्तु सुप्तावस्था में होता है ऐसे समय में अगर आप नए गृह में प्रवेश करते हैं तो वास्तु की दृष्टि से वह ठीक नहीं होता है।

दिवाली का प्रारंभ धनतेरस से होता है, इस दिन हम स्वर्ण आभूषण और जरूरत के सामानों की खरीदारी करते हैं, नए घर में प्रवेश भी करते हैं। लेकिन बहुत लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि इस दिन नए घर में गृह प्रवेश सर्वथा वर्जित है।

ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, धनतेरस के दिन नए घर में प्रवेश के वर्जित होने के पीछे वास्तु से संबंधित कारण हैं। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको आर्थिक नुकसान और सेहत से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

घर के सदस्यों को रहेंगी स्वास्थ्य समस्याएं

धनतेरस के समय वास्तु सुप्तावस्था में होता है, ऐसे समय में अगर आप नए गृह में प्रवेश करते हैं तो वास्तु की दृष्टि से वह ठीक नहीं होता है। ऐसा करने से गृह स्वामी का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। साथ ही परिवार के सदस्य भी अस्वस्थ रहने लगते हैं। परिवार में बीमारियां घर कर लेती हैं। कहा जाता है कि मनुष्य का सबसे बड़ा धन स्वास्थ्य होता है, शरीर स्वस्थ रहेगा तो मनुष्य आसानी से धन संचय कर लेगा।

माली हालत खराब होगी


दूसरा सबसे बड़ा कारण है कि उस घर में धन का स्रोत प्रभावित होगा। धनागम रूकेगा, गृह स्वामी और परिवार के सदस्यों की माली हालत खराब होगी यानी आर्थिक स्थिति दिन पर दिन खराब होती चली जाएगी। इसलिए धनतेरस के दिन भूलकर भी नए गृह में प्रवेश न करें।

हालांकि पुराने घर की आपने मरम्मत कराई है और उसके आप धनतेरस के दिन प्रवेश करना चाहते हैं तो कोई परेशानी नहीं है।

नए काम या व्यापार के लिए उत्तम दिन


धनतेरस के दिन नए काम या व्यापार की शुरूआत करना अच्छा होता है। इस दिन इस कार्य के लिए धनतेरस उत्तम होता है।

मुहूर्त-चिन्तामणि के अनुसार धनतेरस के दिन स्वर्णाभूषण, सौन्दर्य-प्रसाधन, जीवन दायक दवा के व्यापार को प्रारम्भ करने का शुभ मुहूर्त विशेष रूप से होता है। आमतौर पर लोग अन्य व्यापार भी प्रारम्भ करते हैं, तो वह भी उचित है।

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Posted By: Kartikeya Tiwari