गीला कूड़ा नहीं देगा दुर्गध, बागवानी को मिलेगी संजीवनी
- 650 टन गीला कूड़ा निकलता प्रतिदिन शहर में
- 350 टन सूखा कूड़ा निकलता प्रतिदिन - 1.5 किग्रा. औसतन हर घर से निकलता कूड़ा - 70 फीसदी खाद बन सकती है 1.5 किग्रा गीले कूड़े से - घर से निकलने वाले गीले कूड़े को बदला जाएगा खाद में - निगम की ओर से दिया जाएगा प्रशिक्षण, इंदौर की तर्ज पर कदम abhishekmishra@inext.co.in LUCKNOW: घर से निकलने वाला गीला कूड़ा आपके लिए टेंशन नहीं बनेगा बल्कि इसकी मदद से आपके घर की बागवानी और भी बेहतर होगी. इसकी वजह यह है कि आप गीले कूड़े को खाद में तब्दील कर उसका प्रयोग अपनी बागवानी में कर सकेंगे. निगम प्रशासन की ओर से इस बाबत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इंदौर की तर्ज पर कदमनिगम प्रशासन की ओर से यह कदम इंदौर की तर्ज पर उठाया जा रहा है. इसके साथ ही कई अन्य शहरों जैसे भोपाल इत्यादि में भी गीले कूड़े को जेनरेट प्वाइंट में ही खाद में तब्दील किया जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए अब लखनऊ में भी यही कदम उठाया जा रहा है, जिससे जनता को राहत और फायदा मिल सके.
मिलेगी बड़ी राहतदरअसल, हर घर से प्रतिदिन गीला कूड़ा निकलता है. अगर एक दिन भी कूड़ा कलेक्शन कर्मचारी न आएं तो लोगों को घर में ही गीला कूड़ा रखना पड़ता है. इसकी वजह से उससे उठती दुर्गध से लोगों को खासी परेशानी होती है. अगर खाद बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी तो जनता को कर्मचारी के न आने पर भी दुर्गध का सामना नहीं करना पड़ेगा.
यह है नई व्यवस्था निगम की ओर से प्रशिक्षण प्लान लगभग तैयार कर लिया गया है. इससे साफ है कि घर-घर कंपोस्ट बनाने संबंधी कवायद की जा रही है. इस कदम के तहत हर किसी को बताया जाएगा कि किस तरह से गीले कूड़े को खाद में तब्दील करना है. इस बाबत निगम की टीमें हर जोन में जाकर लोगों को ट्रेनिंग देंगी. पहले चरण में हर जोन से दो से तीन हजार परिवार चुने जाएंगे. इसके बाद अगले चरण में चयनित परिवारों की संख्या बढ़ाई जाएगी. सूखे कचरा देना होगा इस व्यवस्था के लागू होने के बाद भी जनता से सूखा कचरा लिया जाएगा और पूर्ववत तरीके से ही उसका निस्तारण किया जाएगा. जनता से अपील की जा रही है कि घर से निकलने वाले सूखे-गीले कूड़े को अलग-अलग डस्टबिन में रखें. वर्जनगीले कूड़े को खाद में तब्दील करने के लिए लोगों को ट्रेनिंग दी जाएगी. इस बाबत तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इस कदम से जनता को खासी राहत मिलेगी.
डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त