-डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने दी चेतावनी, दस दिनों में बदल जानी चाहिए पुलिस की कार्यशैली

- थानों से दलाल संस्कृति खत्म होगी

ARA/BUXAR/PATNA: पटना से बक्सर जाते समय आरा में रुके डीजीपी ने पुलिस अफसरों के साथ बैठक की। फिर पत्रकारों से कहा कि अगर अपराधी पुलिस बल पर एक गोली चलाते हैं तो पुलिस उसका जवाब दस गोलियों से देगी। उन्होंने यूपी की तर्ज पर पुलि¨सग को लेकर सवाल पर कहा कि वहां क्या हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं है। साथ ही डीजीपी ने कहा कि बालू, खनन, शराब तथा ड्रग माफिया के साथ साठ-गांठ रखने वाले पुलिस अफसरों को बख्शा नहीं जाएगा। थानों से दलाल संस्कृति खत्म होनी चाहिए।

दस दिन में सुधारें कार्यशैली

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय शुक्रवार को अपने गृहनगर बक्सर में कहा कि जिले में अपराध पर काबू के लिए दस दिनों का अल्टीमेटम दे रहे हैं, इस अवधि में पुलिस की कार्यशैली में बदलाव नहीं हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। आरा में उन्होंने कहा कि घेराबंदी के दौरान अपराधी पुलिस को निशाना बनाएंगे तो पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी ना कि हनुमान चालीसा का पाठ करेगी।

बंद लिफाफे में दे सकते हैं सूचना

पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि बक्सर में वे पढ़े-खेले हैं, यहां पहले बड़ी आपराधिक घटनाएं नहीं होती थीं, आज युवा भटककर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। सभी जिलों के एसपी को कह दिया है कि दस दिनों में काम करने का तौर-तरीका बदल जाना चाहिए। आम लोगों के साथ पुलिस को सहयोग करना होगा। 12 करोड़ की बिहार की आबादी में गिने-चुने अपराधी हैं। शरीफ लोग पुलिस की मदद में उतर जाएं तो इनका नामोनिशान मिट जाएगा। वे एक ऐसा सिस्टम विकसित कर रहे हैं, जिसमें आम लोग सूचनाएं दे सकते हैं। उनकी सूचनाओं पर कार्रवाई जरूर होगी। लोग चाहें तो बंद लिफाफे में उन तक जानकारी पहुंचा सकते हैं, गोपनीयता की गारंटी है।

Posted By: Inextlive