Meerut : एमडीए ने गंगानगर एक्सटेंशन में भूमि अधिग्रहण का केस जीता तो विकास के बड़े-बड़े सपने बुने जाने लगे. समय के साथ सपने धूमिल होते गए और अब टूटने के कगार पर पहुंच चुके हैं. शताब्दी नगर के बाद एमडीए के लिए गंगानगर का यह प्रकरण बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. सुप्रीम कोर्ट से केस जीतने के महीनों बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है और केस हारने वालों के दबाव में आज तक एमडीए कब्जे की हिम्मत नहीं जुटा सका.


होना था आवासीय प्रोजेक्ट लांचइस योजना के तहत एमडीए को 204 एकड़ भूमि पर फिजिकल कब्जा लेना है। इसके लिए सबसे पहले 13 जून, फिर 30 अगस्त की डेट चुनी गई। 13 जून को जहां मौके से टीम लौट आई। वहीं 30 अगस्त को जाने से पहले ही कार्यक्रम निरस्त हो गया। जानकारी के अनुसार इस 204 एकड़ भूमि में बड़ी संख्या में आवासीय प्रोजेक्ट लांच किए जाने थे, जो धरे के धरे रह गए हैं।सिर्फ इन पर ही फोकसविकास के नाम पर एमडीए का फोकस इन दिनों न्यू टीपीनगर और इनर रिंग रोड पर टिका हुआ है। एमडीए जल्द से जल्द यहां की भूमि का अधिग्रहण कराने का इच्छुक है।FOR YOUR INFORMATIONइस टाउनशिप परियोजना के लिए अंतिम बार कब्जा 1990 में मिला था। उस वक्त कुल चिह्नित 246 में से 42 एकड़ भूमि पर एमडीए कब्जा ले सका था।FACT & FIGURE
- 246 एकड़ है एक्सटेंशन योजना की कुल जमीन।- 42 एकड़पूर्व में एक्वायर की गई जमीन। - कोर्ट के आदेश के बाद होना है 204 एकड़ जमीन का कब्जा।


''गंगानगर में जिस भूमि पर हमें कब्जा लेना है, उसके लिए कई बार प्रयास किए गए हैं। अगस्त के बाद शहर के हालात को देखते हुए हमने इस दिशा में कोई जोर-आजमाईश नहीं की है। हां, टीपीनगर और इनर रिंग रोड के भूमि अर्जन की दिशा में तेजी से काम हुआ है.''- एसके सिंह, वीसी, एमडीए

Posted By: Inextlive