अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की बैठक होने जा रही है. इस महत्वपूर्ण बैठक में यह भी तय हो जाएगा कि साल 2020 में होने वाले ओलंपिक और पैरालंपिक खेल कहां होंगे.

इन खेलों की मेज़बानी की दौड में जापान का टोक्यो, तुर्की का इस्तांबुल और स्पेन का मैड्रिड शहर शामिल है.
जापान की दावेदारी

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सामने अपना पक्ष रखने वाले जापानी प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष टी सुरेकाज़ू ताकेदा का कहना है कि "टोक्यो शहर का ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के प्रति दीवानापन ही उसका सबसे मज़बूत पहलू है. आम लोगो में अभी से ही यह सोचकर रोमांच की अनुभूति का अहसास है कि टोक्यो में 2020 के ओलंपिक हो सकते है.''
इसके अलावा उनका यह भी कहना है, ''जापान के लोग खेलों से सबसे ज़्यादा प्यार करते हैं. इतना ही नहीं ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों के दौरान जापानी टेलिविज़न रेटिंग सबसे ज़्यादा होती है.''
जापान इससे पहले साल 1964 में टोक्यो में ही ओलंपिक खेलो की कामयाब मेज़बानी कर चुका है.
टोक्यो की सबसे बड़ी ताक़त उसका आर्थिक रूप से मज़बूत होना है. इतना ही नहीं, वह सुचारू और संगठित रूप से हर आयोजन स्थल पर खेलों को सम्पूर्ण करने की क्षमता भी रखता है.
जापान की सबसे बड़ी चिंता फुकुशिमा न्यूक्लियर के रिसाव को लेकर थी जिसके बारे में सुरेकाज़ू का कहना है कि ''अब परिस्थितयां नियंत्रण में हैं. फिलहाल टोक्यो निवासी सामान्य हालात में रह रहे हैं.''
तुर्की और स्पेन भी हैं दौड़ में
उधर, तुर्की के प्रतिनिधिमंडल प्रमुख हसन अरात का कहना है, ''तुर्की का खेलों का पुराना इतिहास उसे 2020 के ओलंपिक खेलों की मेज़बानी दिलाने में सहायक हो सकता है. यह बात अलग है कि इन दिनों तुर्की में राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल है. इसका फ़ायदा दूसरे देशों को मिल सकता है.''
अब रहा स्पेन का मैड्रिड शहर. स्पेन इन दिनों आर्थिक मंदी की चपेट में है. यहां तक कि उसकी आबादी का एक बड़ा हिस्सा बेरोज़गारी का शिकार है.
इसके बावजूद स्पेन प्रतिनिधिमंडल के चेयरमैन अलेजांद्रो ब्रावो का मानना है, ''अगर मैड्रिड को ओलंपिक खेलों की मेज़बानी मिली तो उससे वहां बहुत बड़ा बदलाव आएगा.''

इससे पहले, मैड्रिड की ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की कोशिशें तीन बार नाकाम हो चुकी हैं. यहां तक कि साल 2016 में रियो द जनेरियो में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेज़बानी वह पाते-पाते रह गया था और उस दौड़ में दूसरे स्थान पर था.
क्या होगा कुश्ती का ?


शनिवार को अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की बैठक में यह भी तय होगा कि इन तीन देशों में कौन 2020 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेज़बानी हासिल करता है. इसके साथ ही इसी बैठक में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को नया अध्यक्ष भी मिल जाएगा.
इतना ही नहीं इसी बैठक में यह भी तय होगा कि 2020 के ओलंपिक खेलो में कुश्ती बनी रहेगी या नहीं.
इस बैठक में दरअसल बेसबॅाल, सॉफ्टबॉल, कुश्ती और स्क्वैश में से तय होगा कि कौन-सा खेल 2020 के खेलों में जगह पाएगा. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की इस बैठक में उसके 104 सदस्य ओलंपिक अभियान के भविष्य पर भी विचार करेंगे.

Posted By: Satyendra Kumar Singh